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इंडिया रिपोर्टर लाइव
कोलकाता 23 नवंबर 2022। पश्चिम बंगाल में सीवी आनंद बोस ने राज्यपाल के रूप में बुधवार को शपथ ग्रहण की। कलकत्ता हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश प्रकाश श्रीवास्तव ने राजभवन में आयोजित कार्यक्रम में उन्हें पद की शपथ दिलाई। इस दौरान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी समेत कई मंत्री मौजूद रहे। नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी इस कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए। इसके बाद पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने ममता सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि राज्यपाल को बधाई देते हुए मैं कहना चाहता हूं कि आज मैं और बंगाल के भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार राजभवन में शपथ समारोह के लिए पहुंचे थे, लेकिन हमें दरवाजे से लौटना पड़ा।
विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार ने शपथ ग्रहण समारोह में बैठने के लिए राज्य के मंत्रियों के हिसाब से इंतजाम किए। अगर टीएमसी सांसदों को आमंत्रित किया जा सकता है और वे सबसे आगे बैठ सकते हैं तो सुकांत मजूमदार को क्यों नहीं आमंत्रित किया गया? वह भी सांसद हैं। उन्होंने कहा कि यह एक अभद्र राजनीति का शर्मनाक उदाहरण कि विपक्ष के नेता यानि मेरी कुर्सी विधायक कृष्णा कल्याणी और विश्वजीत दास जोकि भाजपा के टिकट पर चुने गए थे और बाद में टीएमसी में चले गए थे उनके बगल में लगाई गई। सुवेंदु ने कहा कि राजभवन की एक तस्वीर से पता चलता है कि बंगाल भाजपा के अध्यक्ष सुकांत मजूमदार और मेरी सीटें टीएमसी सांसदों के पीछे हैं। हमें डेरेक ओब्रायन, सुदीप बंद्योपाध्याय, माला रॉय और दो अयोग्य भाजपा विधायकों (जो अब टीएमसी के साथ हैं) के पीछे बिठाया जाना था। यह राजनीतिक प्रतिशोध है।
उन्होंने कहा कि मैं अपने पद की प्रतिष्ठा के साथ कोई समझौता नहीं करूंगा। इसलिए मैं कार्यक्रम में शामिल नहीं हुआ। यह विपक्ष को अपमानित करने के उद्देश्य से किया गया है। हमने राज्यपाल को सूचित कर दिया है और हम उनसे अलग से मिलेंगे। उन्होंने कहा कि पोस्टकार्ड प्रिंट करने के लिए भी नबन्ना (पश्चिम बंगाल राज्य सचिवालय) में मुख्यमंत्री की अनुमति की आवश्यकता होती है। सीएम ने ही राज्यपाल के शपथ ग्रहण समारोह के लिए अतिथि सूची और बैठने की व्यवस्था तय की।