
इंडिया रिपोर्टर लाइव
आइजोल 11 मार्च 2025। मिजोरम विधानसभा में सोमवार को शराब निषेध संशोधन विधेयक 2025 पारित कर दिया गया। इसका विपक्षी सदस्यों ने विरोध किया। मिजोरम की जोरम पीपुल्स मूवमेंट सरकार ने कहा कि शराब बंदी कानून में संशोधन का उद्देश्य स्थानीय रूप से उत्पादित कृषि और बागवानी उत्पादों से बनी शराब और बीयर के निर्माण और आपूर्ति की अनुमति देना है। इसके अलावा विधेयक में विदेशी और घरेलू पर्यटकों को भारत में बनी विदेशी शराब रखने और पीने के लिए विशेष परमिट देने का भी प्रस्ताव है। पिछली एमएनएफ सरकार ने 2019 में मिजोरम शराब (निषेध) अधिनियम लागू किया था। इसके बाद मिजोरम में बीयर और शराब की बिक्री, निर्माण और खपत पर पूर्ण प्रतिबंध लग गया। लालदुहोमा सरकार के शराब (निषेध) संशोधन विधेयक को लेकर विपक्ष ने विधानसभा में खूब हंगामा किया। मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) के 10, भाजपा के दो और कांग्रेस के एक विधायक ने सरकार पर शराबबंदी नियमों में ढील देने का आरोप लगाया। साथ ही विधेयक के पारित होने से पहले सदन से वॉकआउट कर दिया। पहले सरकार को पांच मार्च को विधानसभा में विधेयक पेश करना था, लेकिन विपक्षी दलों की आपत्तियों के बाद इसे टाल दिया गया। विधानसभा में विधेयक पेश करने के दौरान आबकारी मंत्री लालिंगिंघलोवा हमार ने कहा कि विधेयक का उद्देश्य विभिन्न प्रकार के कृषि और बागवानी उत्पादों को वाइन और बीयर के रूप में संसाधित करने की अनुमति देकर स्थानीय किसानों का उत्थान करना है। सरकार राज्य के बाहर बनी वाइन और बीयर के आयात, बिक्री और खपत की अनुमति नहीं देगी।
उन्होंने कहा कि यह विधेयक शराब पर छूट देने के बारे में नहीं है, बल्कि मौजूदा निषेध कानून को मजबूत करने के लिए है। इस विधेयक के लागू होने के बाद सजा की दर में वृद्धि होगी। यह स्थानीय फलों की बीयर और ऐसे उत्पादों से बनी वाइन के निर्माण, बिक्री और आपूर्ति के लिए लाइसेंस प्रदान करके मिजोरम के भीतर कृषि और बागवानी उत्पादों को बढ़ावा देगा। आबकारी मंत्री ने कहा कि मौजूदा कानून के तहत केवल चंफई जिले के चंफई और हनाहलान से उत्पादित अंगूर की वाइन बनाने की अनुमति है। नई प्रणाली अंगूर के अलावा अन्य कृषि और बागवानी उत्पाद उगाने वाले अन्य किसानों की मदद करेगी। संशोधन विधेयक में आबकारी विभाग द्वारा जब्त विदेशी शराब या गैर-स्थानीय बीयर को परमिट धारकों को आपूर्ति के लिए रखने के लिए डिपार्टमेंटल स्टोर खोलने की भी अनुमति देने का प्रावधान है। मुख्यमंत्री लालदुहोमा ने कहा कि लोग स्थानीय रूप से उत्पादित कृषि और बागवानी उत्पादों से शराब और बीयर बनाकर राज्य सरकार का समर्थन करेंगे।
मिजोरम सरकार के शराब निषेध संशोधन विधेयक के प्रावधानों पर विपक्ष ने आपत्ति जताई। एमएनएफ नेता लालचंदमा राल्ते ने आरोप लगाया कि विधेयक लोगों का अपमान है। सरकार ने चर्चों और गैर सरकारी संगठनों के अनुरोधों का सम्मान नहीं किया।