गुवाहाटी : असम सरकार ने हाल ही में एक नियम तय किया है जिसके तहत दो से ज्यादा बच्चों वाले दंपती को सरकारी नौकरी में नहीं रखा जाएगा। सरकार के इस फैसले पर राजनीति शुरू हो गई है। एआईयूडीएफ अध्यक्ष और लोकसभा सांसद बदरुद्दीन अजमल ने कहा कि मुस्लिमों को इस नियम की चिंता नहीं करनी चाहिए, उन्हें तो वैसे भी सरकारी नौकरी से बाहर रखा ही जाएगा।
अजमल ने कहा, ‘हम जानते हैं कि बीजेपी सरकार के दौरान मुस्लिमों की जमकर उपेक्षा की जाती है। वर्तमान सरकार के दौरान सरकारी नौकरी मिलने के उनके आसार वैसे ही ना के बराबर हैं, तो उन्हें दो बच्चों की नीति फॉलो करने की क्या जरूरत है।’ उन्होंने कहा, ‘हमारे धर्म में ऐसा कोई नियम नहीं है। मैं मुस्लिम युवाओं से अपील करूंगा कि वे अपना खुद का कारोबार शुरू करें, जिससे कई लोगों को रोजगार मिल सके।’
बता दें कि मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल के नेतृत्व वाली राज्य की बीजेपी सरकार ने हाल ही में फैसला लिया है कि जनवरी 2021 से सरकारी नौकरी के लिए तय नियमों में दो बच्चों का नियम भी जोड़ा जाएगा। इसके तहत जिस शख्स या महिला के दो से ज्यादा बच्चे होंगे, उसे सरकारी नौकरी के काबिल नहीं माना जाएगा। अजमल सरकार के इसी फैसले पर प्रतिक्रिया दे रहे थे।
बीजेपी प्रवक्ता सैयद मोमीनुल औवल ने बीजेपी सरकार में मुस्लिमों को नौकरी ना मिलने के अजमल के दावे पर निशाना साधते हुए कहा कि कई मुस्लिम युवाओं को बीजेपी सरकार के दौरान नौकरी मिली हैं। उन्होंने कहा, ‘हमारी सरकार ने जब दो बच्चों की नीति बनाई, उस वक्त किसी धर्म को ध्यान में नहीं रखा था। यह फैसला जनसंख्या विस्फोट के मद्देनजर लिया गया। मगर अजमल ने जिस तरह इसे धर्म से जोड़ा है, वह दुर्भाग्यपूर्ण है।’