चंडीगढ़ : हरियाणा में 14वीं विधानसभा के मंत्रिमंडल का पहला विस्तार कल यानी 14 नवंबर को होगा। वहीं, मंत्रियों की शपथ से पहले सीएम मनोहर लाल ने सभी पाचों निर्दलीय विधायकों और भाजपा विधायकों को डिनर पर बुलाया है। दरअसल, पांच निर्दलीय विधायकों द्वारा मंगलवार को अकेले दिल्ली में की गई बैठक से सियासत गरमा गई। दोपहर 12.30 बजे राजभवन में राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य मंत्रियों को शपथ दिलवाएंगे। इसके लिए राजभवन में तैयारियां शुरू हो चुकी हैं।
निर्दलीय विधायकों ने अमित शाह से मिलने का समय मांगा
निर्दलीय विधायकों ने गृह मंत्री व भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से मिलने का समय मांगा। लेकिन उन्हें समय मिल नहीं पाया। इससे पहले ही उन्हें सीएम के साथ डिनर का न्यौता मिल गया। सीएम इन विधायकों से बातचीत करेंगे। भाजपा ने जजपा के साथ-साथ इन विधायकों का भी समर्थन ले रखा है।
मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री ने की थी बैठक
इससे पहले मंगलवार सुबह सीएम आवास पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल और उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने करीब डेढ़ घंटे तक मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर गहन मंथन किया। बताया कि दोनों के बीच विभागों को लेकर भी बातचीत हुई है। जजपा ने करीब 10-12 विभाग मांगे हैं, इनमें कुछ बड़े विभाग भी हैं।
मीटिंग के बाद सीएम आवास से बाहर आए दुष्यंत ने कहा कि 48 घंटे में मंत्रिमंडल का विस्तार कर दिया जाएगा। 27 अक्टूबर को सीएम और डिप्टी सीएम ने पद एवं गोपनीयता की शपथ ली थी।
रणजीत सिंह के मंत्री बनाए जाने की चर्चाओं से सक्रिय हुए निर्दलीय विधायक
सुबह करीब 11 बजे उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला के मुख्यमंत्री आवास से निकलने के बाद 48 घंटे में मंत्रिमंडल विस्तार का बयान देने के बाद निर्दलीय विधायक सक्रिय हुए। 7 निर्दलीय में से रानिया से विधायक रणजीत सिंह चौटाला को ही मंत्री बनाए जाने की चर्चाएं चल रही हैं, जबकि सभी विधायकों ने भाजपा को समर्थन दिया है।
सूत्रों का कहना है कि ऐसे में पांच विधायक दिल्ली हरियाणा निवास में पहुंच गए। वहां उन्होंने देर शाम तक मंत्रणा की। निर्दलियों की इस मीटिंग को भाजपा पर दबाव बनाने की रणनीति से देखा जा रहा है। मीटिंग में पहुंचने वालों में निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू, रणधीर गोलन, नयनपाल रावत, सोमवीर सांगवान और धर्मपाल गोंदर शामिल है। चर्चा तो यह भी है कि रणजीत सिंह को मंत्री बनाए जाने से ये निर्दलीय विधायक सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल सकते हैं या अपना नया गुट बना सकते हैं।
सीएम की संघ नेताओं के साथ भी लंबी मीटिंग
दुष्यंत से मीटिंग के बाद मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने संघ और पार्टी के सीनियर नेताओं से बातचीत का पूरा ब्योरा दिया है। बताया कि संघ चाहता है कि वित्त जैसे बड़े विभाग भाजपा के पास रहने चाहिए। मीटिंग में पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष बराला, संगठन मंत्री सुरेश भट्ट, संजय भाटिया मौजूद रहे।
विभागों के बंटवारे का फंसा पेच निकल गया
दोनों पार्टियों में विभागों के बंटवारे को लेकर पेच फंसा था, जो अब निकल गया है। जजपा से वित्त, कृषि, टाउन एंड कंट्री प्लानिंग, उद्योग, आबकारी एवं कराधान जैसे बड़े विभाग मांगे गए थे, जबकि भाजपा वित्त और उद्योग देने के पक्ष में नहीं थी। बताया कि अब जजपा वित्त और उद्योग छोड़ने पर राजी हो गई है।मंत्रिमंडल के विस्तार में भाजपा और जजपा दोनों ही क्षेत्रीय और जातीय समीकरणों पर भी पूरा फोकस करेंगी, क्योंकि भाजपा को खासकर इस चुनाव में उसके गढ़ जीटी बेल्ट में खासा नुकसान हुआ है। इसके साथ ही वह उन इलाकों को भी प्राथमिकता देगी, जहां उसे ठीक वोट मिले हैं। सूत्रों का कहना है कि इस समीकरण में कुछ विधायकों की लाॅटरी लग सकती है तो कुछ मायूस हो सकते हैं।
मंत्री पद नहीं तो चेयरमैनी ही मिल जाए
90 विधायकों में से मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री समेत 14 विधायकों को मंत्री बनाया जा सकता है। सीएम व डिप्टी के बाद 12 मंत्री और बन सकते हैं। निर्दलीय भी मंत्री बनने के लिए दबाव बना रहे हैं, ताकि मंत्री नहीं तो कम से कम चेयरमैन के पद मिल सकते हैं।