इंडिया रिपोर्टर लाइव
ताइपे। ताइवान ने उत्तर कोरिया के साथ किसी भी तरह के रक्षा संबंध होने से इनकार किया है। ताइवानी रक्षा मंत्रालय ने उस मीडिया रिपोर्ट को भी खारिज कर दिया है जिसमें उत्तर कोरिया के साथ मिलकर अटैक सबमरीन बनाने का दावा किया गया था। रक्षा मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा कि ताइवान ने कभी भी पनडुब्बी प्रौद्योगिकी पर उत्तर कोरिया के साथ काम नहीं किया है। हम इस प्रोजक्ट के लिए केवल यूरोपीय देशों और अमेरिका की सहायता ले रहे हैं।
उत्तर कोरिया के साथ संबंधों को किया खारिज
ताइवानी रक्षा मंत्रालय ने कहा कि हमने उत्तर कोरिया के साथ कभी कोई संपर्क नहीं किया है। हमारी पनडुब्बी के रिसर्च और डेवलपमेंट के लिए हम केवल यूरोपीय और अमेरिकी भागीदारों के साथ सहयोग करते हैं। मंत्रालय ने नेशनल इंट्रेस्ट की वेबसाइट पर प्रकाशित खबर को फर्जी करार दिया है। गुरुवार को द नेशनल इंट्रेस्ट ने एक लेख प्रकाशित किया था। इसमें 2019 की ताइवानी मीडिया रिपोर्ट के हवाले से दावा किया गया था कि ताइपे और प्योंगयांग उत्तर कोरियाई पनडुब्बी तकनीक को ताइवान में स्थानांतरित करने पर चर्चा कर रहे हैं।
पुरानी पनडुब्बी फ्लीट को बदलेगा ताइवान
साल 2016 में ताइवान ने 8 पनडुब्बियों को बनाने की एक परियोजना शुरू की थी, जिसका उद्देश्य नौसेना की पुरानी होती फ्लीट को नए पनडुब्बियों के साथ बदलना था। इस प्रोजक्ट में वर्तमान में कार्यरत चार पनडुब्बियों को अमेरिका और यूरोपीय देशों की सहायता से बनने वाली 8 नई पनडुब्बियों से बदला जाना है। इस प्रोजक्ट के 2024 या 2025 तक पूरा होने की उम्मीद है। इन पनडुब्बियों को सीएसबीसी शिपयार्ड में बनाया जा रहा है।
अमेरिका ने ताइवान को नहीं दी है मान्यता
अमेरिका ने कई अन्य देशों की तरह अभी तक ताइवान को एक संप्रभु राष्ट्र के रूप में मान्यता नहीं दी है। अमेरिका ऐसे तो ताइवान को अरबों डॉलर का हथियार सप्लाई कर रहा है, लेकिन वह अब भी वन चाइना नीति से चिपका है। दोनों देशों के बीच कई दशकों से अनौपचारिक संबंध हैं, जिसे लेकर चीन अक्सर धमकियां देता रहता है।