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चीन 22 दिसंबर 2024। चीन अपनी सैन्य ताकत को तेजी से बढ़ा रहा है और समुद्र में बादशाहत का सपना पाले बैठा है। पेंटागन की एक हालिया रिपोर्ट के मुताबिक, चीन की नौसेना (PLA नेवी) 2030 तक 435 जंगी जहाजों के बेड़े के साथ दुनिया की सबसे बड़ी नौसेना बनने की तैयारी कर रही है। फिलहाल, चीन के पास 370 वॉरशिप हैं और अगले पांच वर्षों में वह इसमें 65 नए जंगी जहाज, सबमरीन, माइन स्वीपर, एयरक्राफ्ट कैरियर और एंफीबियस वॉर शिप जोड़ने की योजना बना रहा है। चीन का सबमरीन कार्यक्रम 1990 के दशक में रूस से 12 किलो-क्लास सबमरीन खरीदने के साथ शुरू हुआ।
इसके बाद, उसने तकनीक की नकल कर खुद सबमरीन बनानी शुरू कर दी। रिपोर्ट के अनुसार, चीन के पास 2035 तक 80 सबमरीन का बेड़ा होगा, जिसमें 6 बैलिस्टिक मिसाइल सबमरीन (SSBN), 6 न्यूक्लियर पावर्ड अटैक सबमरीन (SSN), और 48 डीजल-इलेक्ट्रिक अटैक सबमरीन शामिल होंगी। फिलहाल, चीन के पास 60 सबमरीन मौजूद हैं। साल 2000 में चीन के पास सिर्फ 210 वॉरशिप थे, लेकिन हर पांच साल में उसने अपने लक्ष्य को बढ़ाते हुए 2020 तक दुनिया की सबसे बड़ी नौसेना बना ली। 2025 तक यह संख्या 395 हो जाएगी, और 2030 तक PLA नेवी के पास 435 जंगी जहाज होंगे। चीन के इस विस्तार का फोकस ताइवान और साउथ चाइना सी पर है, लेकिन वह भारत को घेरने की भी पूरी कोशिश कर रहा है।
चीन ने श्रीलंका, पाकिस्तान और बांग्लादेश जैसे देशों में अपनी स्थिति मजबूत की है और अपने सहयोगी देशों की नौसेना को भी विकसित कर रहा है। हालांकि, भारतीय नौसेना भी आत्मनिर्भर भारत मिशन के तहत तेजी से अपने बेड़े को मजबूत कर रही है। 2030 तक भारतीय नौसेना 155-160 वॉरशिप के साथ तैयार होगी, जिसमें डीजल-इलेक्ट्रिक सबमरीन और न्यूक्लियर पावर्ड सबमरीन शामिल होंगी। फिलहाल, भारत के पास 16 डीजल-इलेक्ट्रिक सबमरीन, 2 बैलिस्टिक मिसाइल न्यूक्लियर सबमरीन और 2 न्यूक्लियर अटैक सबमरीन (SSN) निर्माणाधीन हैं। चीन भले ही अपनी ताकत बढ़ा रहा हो, लेकिन भारतीय नौसेना उसके हर कदम का जवाब देने के लिए तैयार है। आने वाले समय में भारत की स्वदेशी नेवी चीन के बढ़ते प्रभाव का प्रभावी जवाब देगी।