
इंडिया रिपोर्टर लाइव
नई दिल्ली 14 मार्च 2023। भारत के अनुभवी बल्लेबाज विराट कोहली ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अहमदाबाद टेस्ट में शानदार शतक लगाया। उन्होंने 1205 दिन बाद इस फॉर्मेट में शतकीय पारी खेली। कोहली को इस मैच में 186 रन बनाने के लिए मैन ऑफ द मैच अवॉर्ड मिला। दोनों टीमों के बीच यह मुकाबला ड्रॉ पर समाप्त हुआ। इस तरह भारत ने सीरीज को 2-1 से अपने नाम कर लिया। मैच के बाद कोच राहुल द्रविड़ ने कोहली का इंटरव्यू लिया। इस दौरान दोनों के बीच रोचक बातचीत हुई।
द्रविड़ ने इंटरव्यू के शुरुआत में तो कोहली के मजे ले लिए। उन्होंने कहा, ”मैंने बतौर खिलाड़ी और बतौर शतक विराट कोहली के कई टेस्ट शतक हैं, लेकिन कोच के रूप में पिछले 15-16 महीनों से इस पल का इंतजार था। आखिरकार वह समय आ गया। हमनें विराट का एक और टेस्ट शतक देखा।” इसके बाद राहुल द्रविड़ ने कोहली से टेस्ट क्रिकेट में इतने लंबे समय तक शतक नहीं बना पाने की अपनी भावनाओं के बारे में पूछा।
द्रविड़ ने कोहली से पूछे कठिन सवाल
द्रविड़ ने कहा, ”मुझे पता है कि आप ऐसे व्यक्ति हैं जो अपने प्रदर्शन पर बहुत गर्व करते हैं। आपको नियमित रूप से शतक लगाने की आदत है। कोविड-19 के कारण बहुत टेस्ट मैच नहीं हुए, लेकिन क्या इतने लंबे सयम तक टेस्ट शतक नहीं बनाना मुश्किल समय था? हम आंकड़ों को लेकर थोड़े जुनूनी हो जाते हैं। इस दौरान मुझे कुछ आपकी पारियां अच्छी लगीं। केप टाउन में 70 रन एक अच्छी पारी थी, लेकिन क्या शतक को लेकर आप सोच रहे थे?”
विराट ने कहा- 40-50 रन से मैं खुश नहीं होता
पूर्व भारतीय कप्तान विराट कोहली ने जवाब में कहा कि वह 40 और 50 रन की पारी से खुश नहीं थे। विराट ने कहा, ”ईमानदारी से कहूं तो मैंने अपनी कमियों के कारण जटिलताओं को थोड़ा बढ़ने दिया है। शतक नहीं लगाने की हताशा एक ऐसी चीज है जो एक बल्लेबाज के रूप में आप पर बढ़ सकती है। मैं कुछ हद तक अपने साथ ऐसा होने देता हूं, लेकिन इसका दूसरा पहलू यह है कि मैं ऐसा व्यक्ति नहीं हूं जो 40-45 से खुश है। मैं टीम के लिए प्रदर्शन करने में बहुत गर्व महसूस करता हूं।”
विराट ने आगे कहा, ”जब मैं 40 रन पर बल्लेबाजी कर रहा होता हूं तो मुझे पता होता है कि मैं 150 बना सकता हूं। मुझे एक बात अंदर ही अंदर खा रही थी कि मैं टीम के लिए इतना बड़ा स्कोर क्यों नहीं बना पा रहा हूं? क्योंकि मुझे इस बात का गर्व था कि जब टीम को मेरी जरूरत थी मैं खड़ा होता था। कठिन परिस्थितियों में स्कोर करता था। मैं ऐसा करने में सक्षम नहीं हो रहा था और इससे यह बात मुझे परेशान कर रही थी।