
इंडिया रिपोर्टर लाइव
चंडीगढ 02 मई 2021। पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की जीत से पंजाब में कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। बंगाल चुनाव में जीत के बाद चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने संन्यास का एलान कर दिया है। प्रशांत किशोर को लगभग दो माह पहले ही पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अपना प्रधान सलाहकार नियुक्त किया था। पंजाब में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। प्रशांत किशोर के संन्यास से कोटकपूरा फायरिंग मामले में पक्ष और विपक्ष का विरोध झेल रहे कैप्टन के सामने एक नई उलझन आ खड़ी हुई है।
रविवार को एक टीवी चैनल को दिए साक्षात्कार में रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने कहा कि मैं अब चुनावी रणनीति नहीं बनाऊंगा, मैं इस पेशे को छोड़ रहा हूं। किशोर ने कहा कि मैं जो करता हूं, अब उसे जारी नहीं रखना चाहता। मैंने काफी कुछ किया है। मेरे लिए एक ब्रेक लेने और जीवन में कुछ और करने का समय है। मैं इस जगह को छोड़ना चाहता हूं। राजनीति में फिर से वापसी की बात पर उन्होंने कहा कि मैं एक विफल नेता हूं। मैं वापस जाऊंगा और देखूंगा कि मुझे क्या करना है।
हालांकि पहले प्रशांत किशोर ने एलान किया था कि अगर पश्चिम बंगाल में भाजपा को 100 से अधिक सीटें मिलीं और ममता बनर्जी (दीदी) की सरकार दोबारा न बनीं तो वह चुनावी रणनीतिकार का काम छोड़ देंगे। लेकिन ममता सरकार बनने के बावजूद उन्होंने संन्यास का एलान कर दिया।
पंजाब में विधायकों का झेलना पड़ा था विरोध
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की ओर से प्रशांत किशोर को अपना प्रमुख राजनीतिक सलाहकार बनाए जाने के बाद उन्होंने सूबे के कांग्रेस विधायकों की बैठक बुलाकर उनसे फीडबैक लिया। इसस कई विधायक नाराज हो गए थे। विधायकों का कहना था कि प्रशांत की ओर से उन्हें बुलाकर पूछताछ या जानकारी हासिल करना ऐसा साबित करता है कि प्रशांत अब कैप्टन अमरिंदर सिंह और प्रदेश प्रधान सुनील जाखड़ से भी बड़े हो गए हैं। इसके बाद सामने आया कि प्रशांत किशोर ने करीब 30 विधायकों की सूची पार्टी आलाकमान को सौंपी है, जिनके बारे में सिफारिश की गई है कि इन विधायकों को 2022 में टिकट न दिया जाए। यह बात मीडिया में आते ही प्रदेश के कांग्रेस विधायकों का गुस्सा भड़क गया। हालांकि उनमें से किसी ने भी सार्वजनिक तौर पर इसका विरोध नहीं किया, लेकिन पार्टी के भीतर यह मामला इतने बड़े विवाद का विषय बन गया कि खुद कैप्टन को प्रशांत किशोर के बचाव में आगे आना पड़ा। उन्होंने कहा कि प्रशांत केवल सलाहकार हैं और वे सलाह ही दे सकते हैं। किसी को टिकट देना या नहीं देना, यह प्रशांत तय नहीं करेंगे, बल्कि कांग्रेस हाईकमान की ओर से तय विधि से ही उम्मीदवार तय किए जाएंगे।