इंडिया रिपोर्टर लाइव
चंडीगढ़ 20 मई 2021। बेअदबी के मामलों को लेकर पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ बगावत पर उतरे कांग्रेस नेताओं के विरुद्ध विजिलेंस जांच और उन्हें धमकाने जैसी घटनाओं ने इन नेताओं में गुस्से को बढ़ा दिया है। राज्यसभा सांसद और पंजाब कांग्रेस के पूर्व प्रधान प्रताप सिंह बाजवा ने बुधवार को तीन मुद्दे उठाते हुए कैप्टन को 45 दिन का अल्टीमेटम दिया।
उन्होंने कहा कि वे अगले 45 दिन में हालात सुधार लें, अन्यथा इसके बाद वे (कैप्टन) भी आजाद हैं और हम भी आजाद हैं। बाजवा ने बेअदबी के मामले में बादल परिवार पर कार्रवाई, सूबे से ड्रग्स माफिया को खत्म करने और पार्टी के नेताओें पर कार्रवाई न करने की मांग की। बाजवा ने यह भी कहा- अपनी पार्टी के किसी भी नेता के खिलाफ हम कोई कार्रवाई नहीं होने देंगे। हम इन सभी नेताओं के पीछे खड़े हैं।
पत्रकारों से बातचीत में सांसद ने कैप्टन पर निशाना साधते हुए कहा कि वादे दो तरह के होते हैं। एक चुनाव के दौरान जनता से किए वादे और एक गुरु घर से किए वादे। चुनावी वादों में कुछ कमी रह सकती है और लोग नाराज होकर सत्ता से बाहर भी कर देंगे। लेकिन ऐसा पहली बार हुआ है कि एक नेता ने पवित्र ग्रंथ को हाथ में उठाकर जनता के सामने दो वादे किए थे।
साढ़े चार साल बीत चुके हैं। न तो जनता के हाथ कुछ आया है और न ही उनकी पार्टी के नेताओं को ही कोई जानकारी है कि जनता से किए वादे पूरे होंगे या नहीं। इस समय कांग्रेस पार्टी का सबसे मुख्य मुद्दा यही है कि जो गुरु साहिब से वादे किए हैं, वे निभाने ही होंगे। यही कारण है कि पार्टी में आज अलग तरह की हलचल शुरू हो गई है। बाजवा ने कहा कि बेअदबी के मामलों को लेकर आवाज उठा रहे नवजोत सिंह सिद्धू और परगट सिंह अकेले नहीं हैं। वे खुद भी बीते डेढ़ साल से इस मुद्दे पर आवाज उठा रहे हैं।
पंजाब के नेताओं से वन-टू-वन बात करने की मांग
प्रताप बाजवा ने बताया कि उन्होंने पार्टी आलाकमान से मांग की है कि पंजाब के सभी 80 विधायक, 11 सांसदों और 2017 में मामूली अंतर से विधानसभा चुनाव हारने वाले 37 नेता से पार्टी के पंजाब प्रभारी हरीश रावत खुद वन-टू-वन बैठक करें। रावत ऑनलाइन ही राहुल गांधी से उनकी बात कराएं। इस बात पर खुल कर चर्चा होनी चाहिए कि पंजाब कांग्रेस को अगले चुनाव में कैसे जाना है? कौन सा चेहरा पार्टी को चुनाव में लेकर जाने योग्य है? पार्टी का काडर मौजूदा स्थिति को लेकर क्या महसूस कर रहा है? पंजाब के लोग कांग्रेस के प्रति क्या विचार रख रहे हैं? इन सवालों के जवाब मिलने के बाद ही कोई नतीजा निकलना चाहिए। उन्होंने यह भी बताया कि हरीश रावत से भी बात हुई है। उन्होंने कहा है कि दो-तीन दिन में दिल्ली से ऑब्जर्वर भेजे जाएंगे, जो पंजाब के कांग्रेस नेताओं से वन-टू-वन बातचीत कर मामले का हल निकालेंगे।
परगट को धमकी का मामला हाईकमान तक ले जाएंगे
विधायक परगट सिंह को मुख्यमंत्री के सलाहकार द्वारा फोन पर धमकी दिए जाने के मामले को संगीन अपराध करार देते हुए बाजवा ने कहा कि इस पूरे मामले को पार्टी हाईकमान के सामने ले जाया जाएगा। ऐसे मामले में अब तक पुलिस केस दर्ज हो जाना चाहिए था। कैप्टन को इस मामले में स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए। या तो कैप्टन यह कहें कि उनके कहने पर परगट को फोन नहीं किया गया और या फिर अपने सलाहकार को बाहर का रास्ता दिखाएं। बाजवा ने कहा कि कैप्टन की चुप्पी यही साबित कर रही है कि परगट को सलाहकार के जरिए फोन उन्होंने ही करवाया होगा।
बादलों को बचाने के लिए अपनों पर कार्रवाई : सिद्धू
पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू बुधवार को भी मुख्यमंत्री पर निशाना साधा। उन्होंने ट्वीट किया, बादलों और मजीठिया को बचाने के लिए पार्टी सहयोगियों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। न तो ड्रग्स मामले में कोई कार्रवाई हुई और न बेअदबी मामले में। न ही बिजली के मामले में व्हाइट पेपर पेश किया और न ही माफिया राज के खिलाफ कार्रवाई की गई।