
इंडिया रिपोर्टर लाइव
चंडीगढ़ 16 जून 2021। पंजाब में 2022 में होने वाले विधानभा चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों में हलचल मची है। पल-पल राज्य की राजनीति में समीकरण बन और बिगड़ रहे हैं। आम आदमी पार्टी (आप) के नेता भी राज्य में बदलते समीकरणों के हिसाब से जोड़ तोड़ में लगे हैं। इस बार आप 2017 के विधानसभा चुनाव में की गई बड़ी भूल में सुधार कर मुख्यमंत्री चेहरे के साथ उतरने की तैयारी कर रही है।
पंजाब में पहली बार 2017 में विधानसभा चुनाव लड़कर आप ने मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई थी। हालांकि उसका प्रदर्शन पूर्व अनुमान से काफी कम था, मगर वह 20 सीटों पर जीत दर्ज कर दूसरा बड़ा दल बनकर सामने आई थी। पहले चुनाव में ही आप ने जो प्रदर्शन किया, उसके बाद इस बार उससे कहीं बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद आप नेता लगा रहे हैं। हालांकि पंजाब के अन्य दल भी चुनावी मोड में आ चुके हैं। बसपा और शिअद के गठबंधन के बाद समीकरणों में बदलाव भी आया है।
इन सबके के बीच आप भी अपनी पांच साल पहले की गई बड़ी चूक को सुधारने जा रही है। इस बार पार्टी चुनाव में मुख्यमंत्री के चेहरे के साथ मैदान में उतरेगी। साथ ही तय किया है कि मुख्यमंत्री का चेहरा स्थानीय होगा, बाहर से किसी भी व्यक्ति को मुख्यमंत्री नहीं बनाया जाएगा। हालांकि इस चेहरे का क्या नाम होगा इस पर अभी कोई भी फैसला नहीं लिया गया है। पार्टी के नेता यह पहले ही घोषणा कर चुके हैं कि राज्य की सभी 117 सीटों पर प्रत्याशी उतारेगी।
अन्य दलों के सीएम चेहरे घोषित
पंजाब में कांग्रेस और बसपा-शिअद गठबंधन पहले ही मुख्यमंत्री के चेहरों की घोषणा कर चुके हैं। कांग्रेस में अंतर्कलह के बाद भी आलाकमान ने 2022 का विधानसभा चुनाव कैप्टन के नेतृत्व में लड़े जाने की घोषणा की है। बसपा-शिअद के नेताओं ने शिअद प्रधान सुखबीर सिंह बादल के नेतृत्व में चुनाव लड़ने का फैसला किया है।
एससी वर्ग से नहीं होगा सीएम
पंजाब के सह प्रभारी राघव चड्ढा ने इस बात से इनकार किया है कि उनकी पार्टी ने किसी एससी वर्ग के नेता को मुख्यमंत्री बनाने की घोषणा की है। हालांकि पार्टी एससी के मुद्दे को भुनाने की कोई कसर नहीं छोड़ रही है। अभी आप के नेता पोस्ट मैट्रिक स्कालरशिप में घोटाले का आरोप लगाकर राज्यभर में भूख हड़ताल और प्रदर्शन कर रहे हैं।