इंडिया रिपोर्टर लाइव
चंडीगढ़ 23 दिसम्बर 2021 । तीन केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर एक साल से अधिक समय तक आंदोलन के बाद अब किसान अब पंजाब में आंदोलन पर बैठ गए हैं। लगातार चार दिनों से हजारों किसान सूबे में जगह-जगह पटरियों पर बैठे हुए हैं। किसान मंजदूर संघर्ष समिति के बैनर तले प्रदर्शनकारी किसान कर्जमाफी, टोलटैक्स माफी और किसान आंदोलन के दौरान जान गंवाने वालों को मुआवजा देने की मांग कर रहे हैं। आंदोलन के दौरान हिंसा को लेकर दर्ज मुकदमों की वापसी भी मांगों में शामिल है। किसानों के प्रदर्शन की वजह अब तक 400 से अधिक ट्रेनों की आवाजाही बाधित हो चुकी है। पिछले 24 घंटे में ही 280 से अधिक ट्रेनों के आवागमन पर असर पड़ा है।
नॉर्दन रेलवे के फिरोजपुर डिवीजन के सीपीआरओ नीरज शर्मा ने कहा, ”पिछले 24 घंटे में प्रदर्शन की वजह से 280 से अधिक ट्रेनों की आवाजाही बाधित हुई है। पिछले चार दिनों में 400 से अधिक ट्रेनों पर असर पड़ा है।” फिरोजपुर डिवीजन की डीआरएम सीमा शर्मा ने बुधवार को कहा कि ट्रेनों के शेड्यूल में बदलाव और रद्द होने की स्थिति में यात्रियों की मदद के लिए सभी स्टेशनों पर हेल्प डेस्क की व्यवस्था की गई है। डीआरएमम ने कहा, ”हम यात्रियों को किसी भी तरह की परेशानी से बचाने के लिए कम दूरी के स्टेशनों के बीच ट्रेनें चलाने की कोशिश कर रहे हैं।” किसान सोमवार से फिरोजपुर, तरनतारन, अमृतसर और होशियारपुर में अलग-अलग जगहों पर रेलवे ट्रैक पर धरना दे रहे हैं। बुधवार को उन्होंने अपने आंदोलन को मोगा और फाजिल्का रेलवे स्टेशन तक बढ़ा दिया। किसान संगठन के नेता सतनाम सिंह पन्नू ने कहा कि मांगें माने जाने तक किसान पटरियों से नहीं उठेंगे।
बुधवार को रद्द हुईं 59 ट्रेनें
पंजाब में बुधवार को 128 ट्रेनों की आवाजाही प्रभावित हुईं। रेलवे के फिरोजपुर मंडल के अधिकारियों के अनुसार 59 ट्रेनों को रद्द कर दिया गया। 34 ट्रेनों को उनके नियत प्रस्थान स्टेशन की जगह किसी दूसरे स्टेशन से चलाया गया और 35 ट्रेनों को उनके निर्धारित गंतव्य स्टेशन से पहले ही रोक दिया गया। प्रभावित होने वाली 128 ट्रेनों में से 104 ट्रेनें मेल या एक्सप्रेस ट्रेनें थीं, जबकि 24 यात्री ट्रेनें थीं।