इंडिया रिपोर्टर लाइव
नई दिल्ली 12 जुलाई 2022। बाजार नियामक सेबी ने नवीनतम प्रौद्योगिकी की मदद से बड़ी संख्या में भेदिया कारोबार के मामलों का खुलासा किया है। ऐसे मामलों में ‘फर्जी’ खातों का इस्तेमाल हो रहा है। सूत्रों ने बताया कि भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) मुख्य दोषियों को पकड़ने की तैयारी कर रहा है। इनमें कई पूंजी बाजार और कॉरपोरेट जगत के बड़े नाम हो सकते हैं। हाल के महीनों में भेदिया कारोबार से जुड़े मामलों पर सेबी ने कई आदेश जारी किए हैं। इसके लिए कुछ लोगों ने महामारी में ‘घर से काम’ के दौरान बाजार ब्रोकरों और म्यूचुअल फंड की ओर से निगरानी के मोर्चे पर कथित चूक को जिम्मेदार ठहराया है। हालांकि, सूत्रों ने कहा कि सेबी के निगरानी तंत्र में नवीनतम प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल के कारण ज्यादातर आदेश बेहद कम समय में पारित किए गए। निगरानी 100 गुना अधिक प्रभावी हो गई है। सभी डाटा सेट के कुशल विश्लेषण से स्पष्ट देख सकते हैं भेदिया कारोबार हो रहा है या नहीं। नवीनतम प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल के बावजूद अपराधियों का दोष साबित करने में वक्त लग रहा है। एक अन्य सूत्र ने बताया कि समस्या यह है कि धोखेबाज भी नई तकनीकों का उपयोग कर रहे हैं। वे सामान्य फोन कॉल और संदेशों का इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं क्योंकि कॉल डाटा के रिकॉर्ड से आसानी से संबंध स्थापित हो सकते हैं। वे सभी उन्नत मैसेजिंग मंच का इस्तेमाल कर रहे हैं, जो पूरी तरह से ‘कूट रूप में’ हैं।
अपराधियों को पकड़ने की बेहतर स्थिति में
सूत्र ने कहा, अपराधी अब बहुत होशियार हो गए हैं। लेकिन, प्रौद्योगिकी में बदलाव के बाद अब हम उन्हें पकड़ने की बेहतर स्थिति में हैं और इसलिए आप मामलों में वृद्धि देख रहे हैं। उन्होंने कहा कि अब चुनौती दोषियों को इन मामलों से जोड़ने की है और उसके लिए नई तकनीक का इस्तेमाल करने की कोशिश कर रहे हैं। प्रतिभूति अपीलीय न्यायाधिकरण (सैट) ने केयर्न इंडिया की ओर से केयर्न यूके होल्डिंग्स लि. को लाभांश नहीं देने मामले में सेबी के आदेश को खारिज कर दिया है। सैट ने 5 जुलाई के आदेश में नियामक से 6 महीने में मामले की जांच का निर्देश दिया है। केयर्न यूके होल्डिंग्स ने केयर्न इंडिया की ओर से 340 करोड़ का लाभांश नहीं देने को लेकर अप्रैल, 2017 में नियामक से शिकायत की थी।
रुपये में आयात-निर्यात के भुगतान का इंतजाम करें बैंक : आरबीआई
आरबीआई ने रुपये में वैश्विक कारोबारी समुदाय की बढ़ती दिलचस्पी को देखते हुए बैंकों को भारतीय मुद्रा में आयात एवं निर्यात के लिए अतिरिक्त इंतजाम करने का सोमवार को निर्देश दिया। केंद्रीय बैंक ने कहा, बैंकों को यह व्यवस्था लागू करने से पहले उसके विदेशी मुद्रा विभाग से पूर्व-अनुमति लेनी होगी। आरबीआई ने कहा, इस व्यवस्था के जरिये भारतीय आयातकों को विदेशी विक्रेता या आपूर्तिकर्ता से वस्तुओं या सेवाओं की आपूर्ति के इन्वॉयस या बिल के बदले भारतीय रुपये में भुगतान करना होगा। इसे उस देश के संबंधित बैंक के खास रुपया वोस्ट्रो खाते में जमा किया जाएगा। इसी तरह, विदेश में वस्तुओं या सेवाओं की आपूर्ति करने वाले निर्यातकों को उस देश के संबंधित बैंक के खास वोस्ट्रो खाते में जमा राशि से भारतीय रुपये में भुगतान किया जाएगा।
10,700 करोड़ रुपये कम हो सकता है तेल कंपनियों का मुनाफा
लागत से कम दाम पर पेट्रोल-डीजल बेचने से इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन, भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम के संयुक्त मुनाफे में जून तिमाही में 10,700 करोड़ रुपये की कमी आ सकती है। आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज ने कहा, तीनों कंपनियों को पेट्रोल पर 12 रुपये और डीजल पर 14 रुपये प्रति लीटर का नुकसान हो रहा है। इससे उन्हें रिफाइनरी के ऊंचे मार्जिन का लाभ नहीं मिल रहा है।