इंडिया रिपोर्टर लाइव
नई दिल्ली 20 फरवरी 2022। श्रीलंका के खिलाफ टेस्ट सीरीज के लिए भारतीय टीम का एलान हो चुका है। टी-20 और वनडे के बाद टेस्ट टीम की कमान भी रोहित शर्मा को दे दी गई है। तीनों फॉर्मेट में रोहित के कप्तान बनने के बाद धोनी की सात साल पुरानी बात एक बार फिर सच साबित हुई है। धोनी ने कहा था कि भारत में तीनों फॉर्मेट में एक ही कप्तान रहेगा। यहां हर फॉर्मेट के लिए अलग कप्तान का फॉर्मूला काम नहीं करेगा। यह बयान देने के बाद धोनी ने 2016 के अंत में वनडे टीम की कप्तानी छोड़ दी थी और विराट तीनों फॉर्मेट में भारत के कप्तान बने थे। लगभग सात साल बाद धोनी की कही बात एक बार फिर सच साबित हुई है। विराट ने लंबे समय तक तीनों फॉर्मेट में भारत की कप्तानी करने के बाद टी-20 की कप्तानी छोड़ दी। उनका कहना था कि अपना वर्कलोड कम करने के लिए और वनडे-टेस्ट में ज्यादा ध्यान देने के लिए वे ऐसा कर रहे हैं। हालांकि, ऐसा हुआ नहीं। टी-20 के बाद उनसे वनडे की कप्तानी छीन ली गई और बाद में उन्हें टेस्ट की कप्तानी भी छोड़नी पड़ी।
तीनों फॉर्मेट में रोहित बने कप्तान
नवंबर 2021 तक तीनों फॉर्मेट में भारतीय टीम का एक ही कप्तान था। विराट कोहली हर फॉर्मेट में टीम इंडिया की कमान संभाल रहे थे। नवंबर में विराट के कप्तानी छोड़ने पर रोहित टी-20 के कप्तान बने। दिसंबर में उन्हें वनडे टीम का कप्तान बनाया गया और फरवरी में उन्हें टेस्ट टीम की कमान भी मिल चुकी है। कुल मिलाकर भारतीय टीम में सिर्फ ढाई महीने दो अलग-अलग कप्तान रहे। इस बीच राहुल ने भी चार मैचों में कप्तानी की, लेकिन रोहित और विराट की गैरमौजूदगी में ही उन्होंने भारत की कप्तानी की।
एक दूसरे की कप्तानी में नहीं खेले दोनों कप्तान
रोहित नवंबर में टी-20 टीम के कप्तान बने थे। उनकी कप्तानी में सबसे पहले भारत ने न्यूजीलैंड के खिलाफ टी-20 सीरीज खेली। इस सीरीज में टेस्ट कप्तान विराट नहीं थे, उन्हें आराम दिया गया था। इसके बाद रोहित को वनडे का कप्तान भी बना दिया गया, लेकिन वे चोटिल थे और अफ्रीका दौरे में नहीं गए। इस तरह रोहित विराट की कप्तानी में नहीं खेले। वनडे सीरीज में विराट खेले लेकिन रोहित की गैरमौजूदगी में राहुल ने कप्तानी की। हालांकि, वनडे सीरीज से पहले ही विराट टेस्ट की कप्तानी भी छोड़ चुके थे।
धोनी ने क्या कहा था?
टेस्ट टीम की कप्तानी छोड़ने के बाद वनडे कप्तान के रूप में धोनी का प्रदर्शन कुछ खास नहीं था। वनडे और टी-20 विश्व कप में सेमीफाइनल में हारने के साथ दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ सीरीज में भारत हारा था। इस हार पर धोनी की काफी आलोचना हुई थी। इसके बाद उन्होंने कहा था कि भारत में दो अलग-अलग कप्तान नहीं हो सकते हैं। धोनी ने कहा था “मैं विभाजित कप्तानी में विश्वास नहीं करता। टीम में केवल एक नेता होना चाहिए।” अब एक बार फिर भारत में तीनों फॉर्मेट में एक ही कप्तान बनाया गया है।