इंडिया रिपोर्टर लाइव
नई दिल्ली 20 जून 2022। बड़ी टेक कंपनियों के प्रतिस्पर्धारोधी तौर-तरीकों पर भारत में सरकार व नियामक एजेंसियां नए आईटी नियम, संशोधन व मुकदमों के जरिये नकेल कस रहे हैं तो अमेरिका में भी कानून लाए जा रहे हैं। इनसे बचने के लिए अमेरिकी सीनेटरों के साथ गूगल, अमेजन, एपल आदि ने लॉबिंग शुरू कर दी है। इनके सीईओ सीनेटरों से मेल बढ़ाने पर करोड़ों खर्च कर रहे हैं। डेमोक्रेट सांसद एमी क्लोबूचर व अन्य ने हाल में बताया था कि उन्होंने बाजार में प्रतिस्पर्धा बनाए रखने के लिए नए बिल के लिए सीनेट में जरूरी वोट जुटा लिए हैं। यह बिल पास हुआ तो अमेरिका में गूगल अपने से जुड़े कारोबारों खासकर रेस्तरां की रैंकिंग या यू-ट्यूब लिंक बाकी वेबसाइट्स से ऊपर नहीं दे पाएगा।
अमेजन अपने ब्रांड के तहत बनाए उत्पाद अपने ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर नहीं बेच सकेगा। केवल थर्ड पार्टी उत्पाद ही बेचेगा। एपल को भी एप डवलपर्स पर लादे नियम बदलने होंगे। टेक कंपनियों को बिजनेस मॉडल में सुधार को कहा गया है। इससे वे दूसरी सेवा उपभोक्ताओं को जबरन नहीं बेच पाएंगी। इससे कंपनियों के सीईओ की नींद उड़ी हुई हैं।
ऐसे हो रही लॉबिंग
गूगल : सीईओ सुंदर पिचाई अगले हफ्ते वाशिंगटन में कई रिपब्लिकन व डेमोक्रेट्स सांसदों से मिलेंगे।
खर्च : 27.28 करोड़ रुपये बीते तीन महीने में
एपल : सीईओ टिम कुक पिछले हफ्ते सीनेट में नजर आए थे। कंपनी से इसकी वजह नहीं बताई, न कोई आधिकारिक बयान दिया।
खर्च : 2022 की पहली तिमाही में 19.49 करोड़ रुपये, जो एक तिमाही का रिकॉर्ड है।
अमेजन : सीईओ एंडी जेसी ने कई कांग्रेस सदस्यों से बात कर उनसे इस बिल का विरोध करने का निवेदन किया।
खर्च : अब तक 41.3 करोड़
मेटा : मार्क जुकरबर्ग का जोर मुलाकातों से ज्यादा लॉबिंग बजट बढ़ाने पर है। वे बिल को लेकर विज्ञापन भी बढ़ा रहे हैं।
खर्च : सबसे ज्यादा 42.10 करोड़
बिल को लेकर रुख
टेक कंपनियों के मुताबिक, यह बिल उपभोक्ताओं को कई फीचर उपलब्ध करने से रोकेगा। इससे कंपनी की सेवाएं प्रभावित होंगी। यह लोगों का जीवन बेहतर करने के बजाय परेशानी खड़ी करेगा।
बिल समर्थकों का तर्क
बिल पर जागरूकता के लिए काम कर रहे संगठन अगले कुछ हफ्तों में मतदान चाहते हैं। कंपनियों ने बीते एक दशक में जिस प्रकार छोटे कारोबारियों से लेकर खुली प्रतिस्पर्धा तक को खत्म कर एकाधिकार जमाया है, उसे तोड़ना जरूरी है।