इंडिया रिपोर्टर लाइव
लखनऊ 14 अक्टूबर 2022। उत्तर प्रदेश में बाढ़ से हालात बेकाबू हो गए हैं। लाखों लोग इससे प्रभावित हैं। मुख्यमंत्री योगी दौरा करके स्थिति पर नजर रखे हुए हैं। इसके अलावा वह स्वयं जरूरी सामानों का वितरण करा रहे हैं। अयोध्या जिले में सरयू की बाढ़ की विकरालता से जिले के तीन तहसील की 10 हजार आबादी प्रभावित है। बाढ़ से प्रभावित इलाकों में जरूरी समान खत्म हो गया हैं, लोग सिर्फ दाल-चावल से काम चला रहे हैं। कई इलाकों में चार दिन से चाय नहीं बनी है, लोग हरी सब्जी को तरस गए हैं। सरयू अभी भी लाल निशान से 125 सेमी. ऊपर है। उधर अयोध्या-बिल्वहरि घाट तटबंध में रिसाव शुरू हो गया है। अयोध्या जिले में जिलाधिकारी नितीश प्रशासनिक अमले के साथ बुधवार रात लगभग 10 बजे मांझा कला के पास बनाए गए बाढ़ शरणालय पहुंच गए। उन्होंने बाढ़ पीड़ितों का हालचाल लिया। भोजन पैकेट का वितरण किया।
सरयू उफनाने से 13 और गांवों में भरा पानी
अंबेडकरनगर जिले में सरयू नदी के रौद्र रूप ने टांडा नगर में भी कहर बरपाया है। यहां एक दर्जन से अधिक मोहल्लों के सैकड़ों घरों में पानी घुस गया है। माझा उल्टहवा व माझा कला गांव के लोगों को प्रशासन ने नाव से सुरक्षित स्थानों पर ले जाना शुरू कर दिया है। लगभग साढ़े तीन सौ ग्रामीण सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिए गए हैं।
बाढ़ में बर्बाद हो गई 35 सड़कें
बाराबंकी जिले में बाढ़ ने न केवल हजारों परिवारों की घर-गृहस्थी व खेती तबाह कर दी बल्कि विकास कार्य को भी प्रभावित कर दिया है। रामनगर और सिरौलीगौसुपर क्षेत्र में करीब 35 सड़कें बाढ़ की भेंट चढ़ गईं।
सरयू में आई बाढ़ के पानी से घिरे गांवों में फंसे हैं सैकड़ों लोग
बाराबंकी जिले में तराई में जिधर नजर उठाकर देखिए पानी ही पानी नजर आ रहा है। सरयू नदी के पानी से घिरे गांवों में अभी भी सैकड़ों लोग फंसे हुए हैं। इनके परिवार के कुछ लोग तटबंधों पर रह रहे हैं। तटबंध पर जो बनता है नाव के द्वारा परिवार के लोग लेकर आते हैं, उसी को खाकर किसी तरह से जिंदगी गुजारी जा रही है। आरोप लगाया कि प्रशासन की ओर से मदद के नाम पर कुछ भी नहीं मिला है।
खतरे के निशान से 98 सेंटीमीटर ऊपर बह रही नदी
बहराइच जिले में तराई क्षेत्र के साथ ही नेपाल के पहाड़ों पर हो रही भीषण बरसात थमने से बैराजों से छोड़े जाने वाले पानी में कमी आई है। जिससे सरयू का जलस्तर घटना शुरू हो गया है, लेकिन नदी अभी भी खतरे के निशान से 98 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है। नदी का जलस्तर घटने के बाद भी ग्रामीणों की दुश्वारियां बनी हुई हैं।
पावर हाउस में बाढ़ का पानी घुसा, बिजली आपूर्ति ठप
बलरामपुर जिले में श्रीदत्तगंज विकास खंड के बजाज पावर हाउस (बिजली घर) इटई मैदा में बाढ़ का पानी घुसने से उतरौला नगर सहित कई गांव की बिजली आपूर्ति ठप कर दी गई है।
गांव तक नहीं पहुंच रहे अधिकारी और नेता
बाढ़ पीड़ितों का आरोप है कि अधिकारियों और नेताओं का निरीक्षण सिर्फ तटबंध तक सीमित रह गया है। कोई अधिकारी या जनप्रतिनिधि बाढ़ की तबाही झेल रहे गांव को नहीं पहुंच रहा है। सिर्फ वह सनावा गांव के पास बनी बाढ़ चौकी तक सीमित रह जाते है। सांसद, विधायक आते हैं और फोटो खिंचवाकर लौट जाते हैं।
बाढ़ क्षेत्र के 600 गांवों की बिजली ठप
सीतापुर जिले में तराई इलाके में बाढ़ से रेउसा व रामपुर मथुरा विकासखंड के करीब छह सौ गांवों की बिजली गुल है। चार दिन बाद भी बिजली बहाल नहीं हो सकी है। इसकी वजह से ग्रामीणों को दिक्कतें हो रही हैं। मोबाइल न चार्ज होने से लोगों का एक-दूसरे से संपर्क नहीं हो पा रहा है।
सीएम योगी ने हवाई सर्वेक्षण कर जिले में बाढ़ की स्थिति का लिया जायजा
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अक्तूबर में इस तरह की अप्रत्याशित बाढ़ न कभी देखी गई थी, न सुनी गई थी। पहली बार प्रदेश के कई जनपदों में इस तरह की स्थिति देखने को मिली है और सरकार इस आपदा का युद्ध स्तर पर मजबूती से सामना कर रही है। अयोध्या, अंबेडकरनगर, बलरामपुर, बहराइच, श्रावस्ती, सिद्धार्थनगर, बस्ती, संतकबीरनगर का हवाई सर्वेक्षण करने व मौके पर जाकर लोगों से मिलते हुए गोरखपुर आए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रशासन को स्पष्ट निर्देशित किया गया है कि हर पीड़ित के घर तक राहत सामग्री समय से पहुंच जाए।