इंडिया रिपोर्टर लाइव
नई दिल्ली । कोरोना वायरस के संक्रमण से अबतक दुनियाभर में 88 हजार से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है। मरने वालों में अधिकतर मर्द हैं जबकि कई देशों में तो संक्रमित मरीजों की संख्या में इनकी भागीदारी महिलाओं की अपेक्षा कम है। तब सवाल उठता है कि क्या महिलाओं की रोग प्रतिरोधक क्षमता मर्दों की अपेक्षा मजबूत होती है? या मर्दों की कोई ऐसी आदत है जो उन्हें मौत के मुंह तक खींचकर ले जा रही है।
चीन में दोगुनी थी पुरुष मृत्युदर
एक अध्ययन के अनुसार, कोरोना वायरस के संक्रमण से चीन में हुई कुल मौतों में मर्दों की तादाद दोगुने से ज्यादा थी। बता दें की चीन में 52 प्रतिशत पुरुष धूम्रपान करते हैं जबकि महिलाओं में यह लत मात्र 3 फीसदी ही है। दक्षिण कोरिया में भी कोरोना से संक्रमण के कारण पुरुषों की मृत्युदर महिलाओं की अपेक्षा दोगुना थी। यहां मर्दों में धूम्रपान की दर कई यूरोपीय देशों से भी कहीं ज्यादा है
धूम्रपान (स्मोकिंग) की आदत मर्दों के लिए बनी मुसीबत
अधिकतर देशों में महिलाओं की अपेक्षा पुरुष ज्यादा संख्या में धूम्रपान करते हैं। कोरोना वायरस भी मानव शरीर के श्वसन तंत्र को ही सबसे पहले प्रभावित करता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, धूम्रपान से फेफड़े की बीमारी हो सकती है या वह आपके फेफड़ी की क्षमता को कम कर सकता है। इससे कोरोना से बचने की संभावना भी कम हो जाती है।
ज्यादा ‘जोखिम’ उठाते हैं मर्द
रॉयटर्स द्वारा किए गए एक अध्ययन के अनुसार, दुनियाभर में मर्दों ने कोरोना वायरस के खतरे को हल्के में लिया। इसी कारण ये कोरोना वायरस से ज्यादा संक्रमित हुए। 3000 लोगों पर किए गए एक शोध के अनुसार, इनमें से आधे लोग ऐसे थे जो बाथरूम से निकलने के बाद साबुन से हाथ नहीं धोते थे।
कई बीमारियोंं से पुरुष ज्यादा पीड़ित
पूरी दुनिया में कई बीमारियां ऐसी भी हैं जो महिलाओं की अपेक्षा पुरुषों को जल्दी अपना शिकार बनाती हैं। जैसे हृदय रोग, कैंसर, मधुमेह और श्वसन तंत्र से जुड़ी कोई बीमारी। कोरोना के मामले में भी यह देखा गया है कि जिन मरीजों में इनमें से कोई भी बीमारी पहले से होती है उन्हें इस वायरस से निजात पाने में ज्यादा समय लगता है।