
इंडिया रिपोर्टर लाइव
बाड़मेर 29 जुलाई 2022 । राजस्थान के बाड़मेर में गुरुवार देर रात एयरफोर्स के फाईटर प्लेन क्रैश हादसे में दो पायलट शहीद हो गए. वायुसेना के दोनों पायलटों ने अपनी जान की परवाह ना करते हुए करीब ढाई हजार लोगों की जान बचा ली. चश्मदीदों के मुताबिक मिग-21 जब हवा में था, तभी उसमें आग लग गई थी. प्लेन क्रैश से पहले दोनों पायलट समझदारी दिखाते हुए विमान को रेतीले धोरों की तरफ ले गए थे, ताकि 2500 की आबादी वाले गांव को बचाया जा सके. जेट उड़ा रहे विंग कमांडर मोहित राणा और फ्लाइट लेफ्टिनेंट अद्वितीय बल के सामने उस समय सिर्फ दी रास्ते थे.
पहला रास्ता ये कि तुरंत इजेक्ट कर फाइटर जेट को गांव में गिरा दिया जाए और दूसरा रास्ता ये कि जान की बाजी लगाकर विमान को गांव से दूर ले जाया जाए, जिससे वहां की आबादी को बचाया जा सके.वायुसेना के दोनों पायलटों ने निर्भीकता का परिचय देते हुए दूसरा रास्ता चुना. वह फाइटर जेट को गांव से 2 किलोमीटर दूर रेतीले धोरों की तरफ ले गए. ग्रामीणों के अनुसार आग के शोलों से धधकते हुए फाइटर जेट ने गांव के ऊपर तीन चक्कर काटे थे, उसके बाद पायलटों ने उसको गांव से दूर जाकर गिरा दिया.
दोनों पायलट ने नहीं की अपनी जान की परवाह
हादसे के चश्मदीद संपत राज का कहना है कि विमान जब गांव के ऊपर आया था, तो उसमें आग लगी हुई थी. आग में जलते हुए विमान से नीचे गांव की आबादी को देखा, पायलटों ने सूझबूझ दिखाते हुए उसे तरीके से लैंड कर दिया, इस घटना में दोनों पायलट शहीद हो गए.एसपी बाड़मेर, दीपक भार्गव ने बताया कि एयरफोर्स के अधिकारियों के मुताबिक रात 9 बजे उनका कॉन्टेक्ट विमान से कट गया था. उसके बाद प्लेन क्रैश की खबर सामने आई. इस हादसे में दोनों पायलटों ने अपनी जान गंवा दी.
2500 लोगों की जिंदगी बचाकर शहीद हो गए पायलट
हादसा इतना भयानक था कि फाइटर प्लेन का मलबा करीब 1 किमी के दायरे में जाकर बिखर गया था. विमान क्रैश की जगह पर हर ओर आग के शोले दिखाई दे रहे थे. इस घटना में वायुसेना के दोनों पायलटों ने अपनी जान गंवा दी. डानकारी के मुताबिक हादसे के समय विमान में मौजूद दोनों पायलटों के पैराशूट नहीं खुले थे. जैसे ही इस घटना की जानकारी एयरफोर्स के आला अधिकारियों को मिली, वह तुरंत घटनास्थल पर पहुंच गए.