इसरो की कामयाबी: देश के पहले अंतरिक्ष आधारित रिसीवर का काम शुरू; सहारा रेगिस्तान, प्रशांत महासागर का भेजा डाटा

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इंडिया रिपोर्टर लाइव

बंगलूरू 29 अगस्त 2024। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने बुधवार को बताया कि ईओएस-08 उपग्रह पर जीएनएसएस-रिफ्लेक्टोमेट्री (जीएनएसएस-आर) उपकरण ने काम करना शुरू कर दिया है। यह भारत का पहला अंतरिक्ष आधारित रिसीवर है, जिसे अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र (एसएसी-इसरो) ने विकसित किया है। जीएनएसएस-आर ने पहला डाटा सहारा रेगिस्तान और फिर प्रशांत महासागर के एक क्षेत्र का एकत्र किया।

अपेक्षा के अनुरूप मिले परिणाम
अंतरिक्ष एजेंसी ने बताया कि पहला भूमि डाटा सहारा रेगिस्तान (उत्तरी अफ्रीका) में 1 किमी के उच्च-रिजॉल्यूशन मोड का उपयोग करके एकत्र किया गया था। यह समकालीन सीवाईजीएनएसएस सेंसर की तुलना में काफी बेहतर है। इस डाटा को उच्च रिजॉल्यूशन पर मिट्टी की नमी प्राप्त करने के लिए संसाधित किया गया और परिणाम अपेक्षित सीमा के भीतर पाए गए। 21 अगस्त को अमेजन वर्षावन पर एक और उच्च-रिजॉल्यूशन भूमि डाटासेट प्राप्त किया गया। इस डाटा का उपयोग स्पेक्युलर रिफ्लेक्शन ट्रैक के साथ सतही जलप्लावन मास्क बनाने के लिए किया गया है, जो उप-किलोमीटर नदी की चौड़ाई के प्रति भी संवेदनशीलता दर्शाता है। पहला महासागर डाटा 19 अगस्त को प्रशांत महासागर के एक क्षेत्र में एकत्र किया गया था।

12 दिन पहले हुआ था सफल प्रक्षेपण
अंतरिक्ष एजेंसी ने 16 अगस्त को पृथ्वी अवलोकन उपग्रह ईओएस-08 को सफलतापूर्वक लॉन्च किया था। यह उपग्रह छोटे उपग्रह प्रक्षेपण यान एसएसएलवी-डी3 पर सवार हुआ था। उपग्रह पर लगे जीएनएसएस-रिफ्लेक्टोमेट्री (जीएनएसएस-आर) उपकरण ने 18 अगस्त से अपना काम करना शुरू कर दिया है। जीएनएसएस-आर भारत का पहला अंतरिक्ष में स्थापित रिसीवर है, जो पृथ्वी की सतह से लौटे सिग्नल को मापता है। यह उपकरण एसएसी-इसरो ने विकसित किया है और यह नई तकनीक का उपयोग करके पृथ्वी की विभिन्न सतहों की जानकारी प्रदान करता है। उपग्रह से प्राप्त डाटा को हैदराबाद के शादनगर स्थित राष्ट्रीय सुदूर संवेदन केंद्र (एनआरएससी) में प्रोसेस किया जा रहा है। इसके लिए अहमदाबाद स्थित एसएसी द्वारा विकसित एल्गोरिदम और डाटा प्रोसेसिंग सॉफ्टवेयर का उपयोग किया जा रहा है। इस प्रक्रिया से विभिन्न स्तरों पर डाटा उत्पाद तैयार किए गए हैं। 

इसरो ने बताया कि जीपीएस और एनएवीआईसी जैसे वैश्विक और क्षेत्रीय नेविगेशन उपग्रह प्रणाली से मिलने वाले सिग्नल पृथ्वी की सतहों (जैसे महासागर, कृषि भूमि और नदियां) से लौटते हैं। ये परावर्तित सिग्नल उपग्रह पर लगे रिसीवर द्वारा एकत्र किए जाते हैं, जो पृथ्वी की 475 किलोमीटर की ऊंचाई पर परिक्रमा करते हैं। 

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