
इंडिया रिपोर्टर लाइव
मुंबई 08 अप्रैल 2025। केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि अमेरिका पर भारत का प्रभावी टैरिफ बमुश्किल 7 से 8 फीसदी है जो कि बहुत अधिक नहीं कहा जा सकता। अमेरिका के साथ चल रहे व्यापार समझौता वार्ता के बारे में कोई जानकारी देने से इनकार करते हुए गोयल ने कहा, भारत को भरोसा है कि वह उन देशों के साथ द्विपक्षीय कारोबार समझौते कर सकता है जो निष्पक्ष व्यापार नीतियां अपनाते हैं। वाणिज्य मंत्री ने दुनिया के व्यापार जगत में अभी मची अफरातफरी के लिए चीन की गलत कारोबारी नीतियों को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने यह भी कहा कि चीनी इलेक्ट्रिक कार निर्माता बीवाईडी को वर्तमान में भारत में प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा। गोयल ने कहा, हम वैश्विकरण समाप्त होने के युग में नहीं बल्कि यह पुनर्वैश्विकरण का दौर है। ऐसे में साफ-सुथरी कारोबारी नीतियां रखने वाले देश यदि एक साथ आते हैं तो यह भारत के लिए बेहतर अवसर पैदा करेगा। अमेरिकी टैरिफ के बारे में गोयल ने स्पष्ट किया कि भारत की ओर से लगाया जाने वाला शुल्क खराब कारोबार के खिलाफ संरक्षण और डंपिंग जैसी स्थितियों से अर्थव्यवस्था को बचाने का उपाय है। उन्होंने कहा, अमेरिका पर भारत का कुल टैरिफ करीब 17 फीसदी है लेकिन इसका एक बड़ा हिस्सा ऐसी चीजों का है जिनका भारत आयात ही नहीं करता। ऐसे में अमेरिका पर हमारा प्रभावी टैरिफ करीब 7 से 8 फीसदी बैठता है जो बहुत अधिक नहीं है।
यह पूछे जाने पर पीएम नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच इतने बेहतर संबंध होने के बावजूद अमेरिका ने भारत पर 26 फीसदी टैरिफ कैसे लगा दिया, गोयल ने कहा, इसका दुश्मनी या दोस्ती से कोई लेना-देना नहीं है। यह एक फार्मूला आधारित गणना है।
कम टैरिफ वाले देश के जरिये सामान भेजा तो अमेरिका कैसे रोकेगा
मंत्री ने आश्चर्य जताया कि अमेरिका हाल ही में घोषित पारस्परिक टैरिफ को कैसे लागू कर पाएगा। उन्होंने कहा, हमने ऐसे प्रकरण देखे हैं, जिनमें अमेरिका में सामान भेजने के लिए कम टैरिफ वाले देश का इस्तेमाल किया गया। जैसा कि वियतनाम के मामले में हुआ था, जब ट्रंप ने अपने पहले कार्यकाल में चीन पर उच्च टैरिफ लगाया था।