
इंडिया रिपोर्टर लाइव
नई दिल्ली 08 अप्रैल 2025। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि देश की सीमाओं की इलेक्ट्रॉनिक निगरानी प्रणाली से सुरक्षा की जाएगी। जम्मू-कश्मीर में आतंकियों की घुसपैठ रोकने के लिए, सीमा पर भूमिगत सुरंगों का पता लगाने और नष्ट करने के लिए तकनीक का उपयोग किया जाएगा। शाह सोमवार को जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले में हीरानगर सेक्टर की अग्रिम चौकी विनय पर बीएसएफ जवानों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इस निगरानी प्रणाली में दो मॉडल हैं। इससे दुश्मन की किसी भी हरकत का तुरंत पता लगाने और जवाब देने में सक्षम होंगे। इस परियोजना के तहत तकनीकी साधनों का उपयोग कर सीमा पर सुरंगों का पता लगाने और उन्हें नष्ट करने की योजना बनाई गई है। सर्वप्रथम भारत-पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सीमा को इस निगरानी प्रणाली से लैस किया जाएगा। इसके बाद बांग्लादेश सीमा पर इसका इस्तेमाल होगा।
शाह ने आश्वस्त किया कि 3-4 साल में यह प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। अभी 26 तकनीकों पर परीक्षण चल रहे हैं। सालभर में ऐसे निर्णय पर पहुंचेंगे, जिससे कई लाभ होंगे। इसमें सीमा पर ड्रोन रोधी प्रणाली, सुरंगों का तकनीकी की मदद से पता लगाने और उसे नष्ट करने के साथ इलेक्ट्रॉनिक निगरानी की व्यवस्था भी शामिल है।
परिजनों को सौंपे नियुक्ति पत्र
शाह ने अलग-अलग आतंकी हमलों में बलिदान हुए 10 पुलिसकर्मियों और एक इंजीनियर के परिवारों से मुलाकात की और उनके परिजनों को नियुक्ति पत्र सौंपे। उन्होंने बीएसएफ के सहायक कमांडेंट विनय प्रसाद को श्रद्धांजलि दी। प्रसाद 15 जनवरी, 2019 को पाकिस्तान रेंजर्स की गोलीबारी में बलिदान हुए थे, इसलिए चौकी का नाम विनय सीमा चौकी रखा गया है।
जवानों का हौसला बढ़ाया
शाह ने सीमाओं की सुरक्षा में बीएसएफ के योगदान व चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में कर्तव्यों का पालन करने के लिए जवानों की सराहना की। शाह ने कहा कि असली चुनौती तभी समझ में आती है जब कोई उस स्थान पर जाता है। ठंड हो, बारिश हो या 45 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा तापमान वाली अत्यधिक गर्मी, बीएसएफ जवान दुश्मन की गतिविधियों पर नजर रखते हुए 365 दिन और 24 घंटे अग्रिम चौकियों पर तैनात रहते हैं।