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नई दिल्ली 06 फरवरी 2024। भारत ने ओडिशा तट के पास चांदीपुर स्थित एकीकृत परीक्षण स्थल (आईटीआर) से स्वदेश विकसित उच्च गति के साथ विस्तारित लक्ष्य वाले अभ्यास यान के चार उड़ान परीक्षण सफलतापूर्व पूरे किए। अभ्यास को रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) ने मिसाइल प्रणालियों के परीक्षण के लक्ष्य के रूप में विकसित किया गया है। रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने सोमवार को कहा कि डीआरडीओ ने 30 जनवरी से 2 फरवरी के दौरान आईटीआर से हाई-स्पीड एक्सपेंडेबल एरियल टारगेट (एचईएटी) यानी अभ्यास को विभिन्न कसौटियों पर परखा। मंत्रालय ने कहा कि परीक्षण को चार अलग-अलग मिशन उद्देश्यों के साथ संपन्न किया। इन उद्देश्यों में यान को सुरक्षित ढंग से छोड़ना, समग्रता के साथ लांच करना और इसके वेग को परखना शामिल है। उड़ान परीक्षणों के दौरान आवश्यक सहनशक्ति, गति, गतिशीलता, ऊंचाई और सीमा जैसे विभिन्न मापदंडों पर परखते हुए अभ्यास को मान्यता दी गई। डीआरडीओ के वैमानिकी विकास प्रतिष्ठान (एडीई) से डिजाइन अभ्यास हथियार प्रणालियों के परीक्षण के लिए एक वास्तविक खतरे का परिदृश्य तैयार करता है। यान को ऑटो पायलट की मदद से उड़ाने के लिए डिजाइन किया गया है।
उत्पादन-निर्यात के लिए तैयार
अभ्यास के लिए न्यूनतम साजोसामान की आवश्यकता पड़ती है। आयात किए गए अपने समकक्षों की तुलना में अभ्यास की लागत काफी कम है। अभ्यास उत्पादन के लिए तैयार है। रक्षा सूत्रों के मुताबिक, इस टारगेट यान में निर्यात की बड़ी संभावना है। इसे खासकर मित्र देशों को निर्यात किया जा सकता है। अभ्यास 180 मीटर प्रति सेकंड की गति उड़ान भरता है। मतलब एक सेकंड में इतनी दूरी तय कर लेता है। यह अधिकतम 5 किमी की ऊंचाई हासिल कर लेता है।