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नई दिल्ली 16 जुलाई 2023। टमाटर की बढ़ती कीमतों के मद्देनजर प्याज की कीमतों पर नियंत्रण पाने के लिए केंद्र सरकार ने तैयारी पहले ही शुरू कर दी है। सरकार ने चालू वित्त वर्ष में बफर स्टॉक (सुरक्षित भंडार) के रूप में 20 फीसदी ज्यादा मात्रा के साथ तीन लाख टन प्याज खरीदा है। साथ ही इसे अधिक समय तक सुरक्षित रखने के लिए भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (बीएआरसी) के साथ प्याज के विकिरण का परीक्षण भी किया जा रहा है। उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित कुमार सिंह ने रविवार को यह जानकारी दी। वित्त वर्ष 2022-23 में सरकार ने बफर स्टॉक के तौर पर 2.51 लाख टन प्याज रखा था। बता दें कि यदि कम आपूर्ति वाले मौसम के दौरान प्याज की दरें काफी बढ़ जाती हैं, तो किसी भी आपात स्थिति को पूरा करने के लिए मूल्य स्थिरीकरण कोष (पीएसएफ) के तहत बफर स्टॉक रखा जाता है। रोहित सिंह ने बताया कि त्योहारों के मौसम में किसी भी स्थिति से निपटने के लिए सरकार ने इस साल बफर स्टॉक में भारी बढ़ोतरी करते हुए तीन लाख टन प्याज खरीदा है। प्याज की कोई कमी नहीं है।
बफर स्टॉक के लिए जो प्याज खरीदा गया है, वह हाल ही में समाप्त हुए रबी सीजन का है। फिलहाल, खरीफ प्याज की बुआई चल रही है और अक्टूबर में इसकी आवक शुरू हो जाती है। सचिव सिंह ने कहा, आमतौर पर खुदरा बाजारों में प्याज की कीमतें 20 दिनों या उसके आसपास ज्यादा रहती हैं जब तक कि ताजा खरीफ फसल बाजार में नहीं आ जाती। लेकिन इस बार, कोई समस्या नहीं होगी। इस बीच, उपभोक्ता मामलों का मंत्रालय परमाणु ऊर्जा विभाग और भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र के साथ प्याज के भंडारण के लिए एक नई तकनीक का भी प्रयास कर रहा है। सिंह ने कहा कि प्रायोगिक आधार पर हम महाराष्ट्र के लासलगांव में कोबाल्ट-60 से गामा विकिरण के जरिये 150 टन प्याज संरक्षण का प्रयोग कर रहे हैं। इससे प्याज को अधिक समय तक सुरक्षित रखा जा सकेगा।
वित्त वर्ष 2022-23 में सरकार ने पीएसएफ के तहत रबी-2022 फसल से रिकॉर्ड 2.51 लाख मीट्रिक टन प्याज की खरीद की थी और इसे सितंबर 2022 और जनवरी 2023 के दौरान प्रमुख खपत केंद्रों में जारी किया था। अप्रैल-जून के दौरान उत्पादित रबी प्याज भारत के प्याज उत्पादन का 65 प्रतिशत हिस्सा है और अक्टूबर-नवंबर में खरीफ फसल के उत्पादन होने तक उपभोक्ताओं की मांग को पूरा करती है। खरीदे गए बफर स्टॉक आमतौर पर लक्षित खुले बाजार की बिक्री के माध्यम से और कम आपूर्ति के मौसम के दौरान खुदरा दुकानों के माध्यम से आपूर्ति के लिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों और सरकारी एजेंसियों को जारी किए जाते हैं। सरकारी आंकड़ों से पता चलता है कि 15 जुलाई को प्याज की औसत अखिल भारतीय खुदरा कीमत 26.79 रुपये प्रति किलोग्राम थी, जबकि अधिकतम 65 रुपये प्रति किलोग्राम और न्यूनतम 10 रुपये प्रति किलोग्राम थी।