इंडिया रिपोर्टर लाइव
नई दिल्ली 19 मई 2022। सरकार ने कहा कि उद्योगों की चिंता के बावजूद प्रस्तावित कड़े साइबर सुरक्षा नियमों में कोई बदलाव नहीं होगा। दरअसल, प्रस्तावित नियम के तहत डाटा में सेंधमारी के मामले में सोशल मीडिया, टेक्नोलॉजी कंपनियों और क्लाउड सेवा प्रदाताओं को तुरंत रिपोर्ट देनी होगी। सूचना प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि चिंता के बावजूद इसमें बदलाव नहीं होगा। टेक कंपनियों की यह जिम्मेदारी होगी कि उनकी सेवाओं का इस्तेमाल कौन कर रहा है।
दरअसल, इंडियन कंप्यूटर इमर्जेंसी रेस्पोंस टीम ने अप्रैल में एक निर्देश जारी किया था, जिसमें टेक कंपनियों को डाटा में सेंधमारी की घटना की छह घंटे में जानकारी देने को कहा गया था। साथ ही उससे जुड़े डाटा को छह महीने तक कायम रखने को कहा था। उसने क्लाउड सेवा प्रदाताओं जैसे अमेजन और वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क (वीपीएन) कंपनियों को उनके ग्राहकों के नाम और आईपी एड्रेस को कम से कम पांच साल तक सुरक्षित रखने को कहा था। चाहे वह कंपनी की सेवा लेना बंद ही क्यों न कर चुके हों। सरकार के इस कदम पर सूचना प्रौद्योगिकी उद्योग ने चिंता जताई है और कहा कि इससे अनुपालन का बोझ बढ़ेगा।