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रायपुर 22 अक्टूबर 2020। विज्ञान और प्रौद्योगिकी नीति (एसटीआईपी)- 2020 हेतु राज्यों से इनपुट के उद्देश्य से वर्चुअल परामर्श बैठक का आयोजन विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार द्वारा आज 22 अक्टूबर 2020 को किया गया। बैठक में राज्यों के मुख्यमंत्री, विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री तथा मुख्य सचिवों एवं वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया। मंत्री स्वास्थ्य, परिवार कल्याण तथा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, भारत सरकार, डॉ हर्षवर्धन की अध्यक्षता में यह बैठक सम्पन्न हुई। जिसमें आशुतोष शर्मा, सचिव, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, भारत सरकार, डॉ क.े विजयराघवन, सलाहकार, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, भारत सरकार, डॉ वी.के सारस्वत, सदस्य, विज्ञान, नीति आयोग, भारत सरकार तथा और डॉ. अभिषेक गुप्ता, वैज्ञानिक जी, विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार नीति सचिवालय, विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार ने नीति पनेलिस्ट के रूप में भाग लिया।
बैठक में विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार नीति- 2020 हेतु राज्यों के प्रतिनिधियों द्वारा अपना अभिमत प्रदान किया गया तथा नीति निर्माण पर विस्तृत चर्चा की गई। डॉ हर्षवर्धन, मंत्री विज्ञान और प्रौद्योगिकी, भारत सरकार ने कहा है कि भारत में विशेषज्ञता की कोई कमी नहीं है। उन्होंने वैज्ञानिक समुदाय की प्रशंसा करते हुए कहा है कि वैज्ञानिक कोई समस्या पर आपको समाधान दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार विज्ञान और प्रौद्योगिकी के उन्नयन हेतु प्रयासरत है तथा विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के माध्यम से वैज्ञानिक स्वभाव और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए कई पहल की गई है तथा अब विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं नवाचार नीति- 2020 के निर्माण की प्रक्रिया में है।
बैठक में छत्तीसगढ़ राज्य का प्रतिनिधित्व मुदित कुमार सिंह, आई. एफ. एस (प्रधानमुख्य वनसंरक्षक एवं हेड ऑफ फॉरेस्ट फोर्स) तथा महानिदेशक, छत्तीसगढ़ विज्ञान और प्रौद्योगिकी परिषद एवं रीजेनल साइंस सेंटर, रायपुर ने किया। महानिदेशक द्वारा बैठक में प्रदेश की ग्राम एवं ग्रामीण केंद्रित नरवा, गरूवा, घुरूवा और बाड़ी कार्यक्रम तथा राज्य सरकार के अन्य समाजोपयोगी प्रमुख कार्यक्रमों की विस्तृत चर्चा करते हुए कहा की ऐसे नागरिक-केंद्रित कार्यक्रमों की जानकारी एकत्र कर उसे इस नई एसटीआईपी-2020 नीति में फोकस क्षेत्रों के रूप में लिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य द्वारा नरवा, गरूवा, घुरूवा और बाड़ी कार्यक्रम के अंतर्गत छोटे एवं अभिनव सामुदायिक विज्ञान एवं प्रोद्योगिकी इनपुट जैसे कि वर्मी कम्पोस्टिंग, वाटर रिचार्जिंग, बायो मास कम्पोस्टिंग तथा कई अन्य को सफलता पूर्वक प्रोत्साहित किया गया है। उन्होंने स्कूल स्तर पर विज्ञान, प्रोद्योगिकी एवं नवाचारी हस्तक्षेप की आवश्यकता पर भी जोर दिया ताकि प्रतिभा को युवा स्तर पर चिन्हित तथा विकसित किया जा सके। उन्होंने उच्च और तकनीकी शिक्षा के छात्रों के स्तर पर भी नवाचार प्रोत्साहन की आवश्यकता बताई। उन्होंने राज्यों में विज्ञान और प्रौद्योगिकी परिषद को विज्ञान और प्रौद्योगिकी विकास के लिए नोडल एजेंसी निर्धारण की आवश्यकता पर भी जोर दिया। जिससे स्थानीय विशिष्ट विज्ञान और प्रौद्योगिकी की जरूरतों को सुनिश्चित करने तथा उसके अनुसार स्थानिक कार्यक्रमों को तैयार करने के लिए राज्यों में एक मजबूत नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र विकसित किया जा सके।
डॉ. सारस्वत, सदस्य विज्ञान, एनआईटीआई आयोग ने अंत में कहा कि नए एसटीपी-2020 के लिए आदानों के अंतिम रूप के लिए विस्तृत चर्चा के लिए राज्यों को समूहों में विभाजित किया जाना चाहिए।