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गिरिडीह 23 मार्च 2023। झारखंड के गिरिडीह जिले में छापेमारी के दौरान कथित तौर पर पुलिसकर्मियों के जूतों से कुचलकर एक नवजात शिशु की मौत के मामले में छह पुलिसकर्मियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है और उनमें से पांच को निलंबित कर दिया गया है। एक अधिकारी बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि चार दिन के शिशु की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में “तिल्ली (स्प्लीन) के फटने” का उल्लेख होने के बाद प्राथमिकी दर्ज की गई है। पुलिस अधिकारी ने कहा कि गिरिडीह के देवरी पुलिस थाने में दो अधिकारियों संगम पाठक और एस. के. मंडल समेत छह पुलिसकर्मियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है… उनमें से पांच को निलंबित कर दिया गया है। अधिकारी ने कहा कि कथित घटना देवरी पुलिस थाने के अंतर्गत कोशोडिंघी गांव में बुधवार को हुई, जब पुलिसकर्मी दो व्यक्तियों को गिरफ्तार करने के लिए एक घर में गए। उन्होंने कहा कि मामले की जांच जारी है।
बता दें कि झारखंड के गिरिडीह में छापेमारी के दौरान कथित रूप से पुलिसकर्मियों के पैरों से कुचलकर नवजात शिशु की बुधवार को मौत हो गई। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मामले में जांच के आदेश दिए हैं। घटना गिरिडीह में देवरी थाना क्षेत्र के कोशोदिन्घी गांव में हुई, जब पुलिसकर्मी एक गैर जमानती वारंट के मामले में दो लोगों को पकड़ने के लिए एक घर पर पहुंचे थे। इस घटना के बाद विपक्षी भाजपा ने वरिष्ठ अधिकारियों को निलंबित करने की मांग की है। गिरिडीह के पुलिस अधीक्षक (Sp) अमित रेणू ने कहा,आरोप है कि अदालत द्वारा जारी दो गैर-जमानती वारंट की तामील में जब पुलिस वहां पहुंची तो 4 दिन के बच्चे की मौत हो गई। प्रथम दृष्टया बच्चे के शरीर पर बाहरी चोट के निशान नहीं मिले हैं। इसे पोस्टमॉर्टम जांच के लिए भेज दिया गया है।
एसपी ने कहा कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद ही पुलिस यह कहने की स्थिति में होगी कि वास्तव में क्या हुआ था। उन्होंने कहा कि मजिस्ट्रेट की निगरानी में डॉक्टरों की एक टीम पोस्टमॉर्टम करेगी और इसकी वीडियोग्राफी होगी। रेणु ने कहा कि फिलहाल हमारे पास ऐसी कोई जानकारी नहीं है कि किसी पुलिसकर्मी ने नवजात को कुचला हो। अगर आरोप सही पाए गए तो दोषी पुलिसकर्मियों को बख्शा नहीं जाएगा। एसपी ने कहा कि चार से पांच पुलिसकर्मी मृत शिशु के दादा भूषण पांडेय एवं एक अन्य व्यक्ति के खिलाफ गैर जमानती वारंट की तामील कराने गए थे। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर प्रसारित होने के बाद इस संबंध में जांच के आदेश दिए हैं।
वीडियो में भूषण पांडेय नामक एक व्यक्ति को यह आरोप लगाते हुए सुना जा सकता है कि पुलिसकर्मियों ने सुबह तीन बजकर 20 मिनट पर उनके घर पर छापा मारा और दरवाजा नहीं खुलने पर उन्होंने बल प्रयोग कर दरवाजा खोल दिया। वीडियो में दिख रहे व्यक्ति ने दावा किया, मैं वहां से भाग गया और महिलाएं भी बाहर निकल आईं। पुलिसकर्मी जब वहां तलाशी ले रहे थे तब घर के अंदर चार दिन का बच्चा सो रहा था। बच्चे को उन्होंने कुचलकर मार दिया।
भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने कथित अपराध को ‘जघन्य’ करार दिया और तत्काल कार्रवाई नहीं करने वाले वरिष्ठ अधिकारियों को निलंबित करने के अलावा मामले में तत्काल प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जी, कुछ तो शर्म कीजिए। रांची से वरिष्ठ अधिकारियों की टीम भेजिए। सबसे पहले प्राथमिकी दर्ज करवाइए और नवजात को मारने वाले पुलिसकर्मियों को जेल भेजिए… नहीं तो आप भी चार दिन के बच्चे की ‘सरकारी हत्या’ के पाप से बच नहीं पाएंगे।