इंडिया रिपोर्टर लाइव
गुवाहाटी 12 अक्टूबर 2021। सोशल मीडिया पर तालिबानी हुकूमत को समर्थन करने वाले असम के पकड़े गए 16 लोगों को बड़ी राहत मिली है। स्थानीय कोर्टों ने 14 गिरफ्तार लोगों को जमानत दे दी है। कोर्ट ने इन लोगों के खिलाफ पर्याप्त सबूत नहीं होने के अभाव में जमानत दी है। गिरफ्तार लोगों में से एक को छोड़कर सभी पर कठोर यूएपीए के तहत मामला दर्ज किया गया था, जिसमें जमानत बहुत मुश्किल हो जाती है। पिछले महीने 21 अगस्त को असम के अलग-अलग जिलों में तालिबानी शासकों के समर्थन में कुछ लोगों ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया था, जिसके बाद मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा सरमा ने पुलिस से बिना डरे और पक्षपात किए लोगों पर कार्रवाई करने का निर्देश जारी किया था। जिसपर पुलिस ने अलग-अलग स्थानों से 16 लोगों को गिरफ्तार कर इनपर यूएपीए के तहत मामला दर्ज किया था। इसी मामले में स्थानीय कोर्टों ने 14 लोगों को जमानत देकर बड़ी राहत दी है।
UAPA धारा लगाने की जरूरत
दरांग जिले के सिपाझार के रहने वाले एआईयूडीएफ के पूर्व महासचिव और जमीयत के राज्य सचिव मौलाना फजलुल करीम कासिमी को 6 अक्तूबर को गुवाहाटी उच्च न्यायालय ने जमानत दे दी। हाईकोर्ट के जज सुमन श्याम ने बताया कि फजलुल करीम के खिलाफ फेसबुक पोस्ट” को छोड़कर कुछ भी आपत्तिजनक सामग्री बरामद नहीं की गई है और अपराध से जुड़ा इनका कोई ट्रैक रिकॉर्ड भी नहीं है। ऐसे में आवेदक को हिरासत में रखने की आवश्यकता नहीं है।गुवाहाटी उच्च न्यायालय के एक वरिष्ठ अधिवक्ता ने बताया कि अधिकांश पोस्ट “अनजाने में” लग रहे थे इसमें यूएपीए जैसी धारा की आवश्यकता नहीं ।