इंडिया रिपोर्टर लाइव
महासमुंद 19 अक्टूबर 2020। उद्यानिकी विभाग को उद्यानिकी कृषकों के लिए फल-फूल, सब्जी एवं मसालें के उत्पाद को ग्रेडिंग, पैकिंग एवं कटाई-छटाई तथा भण्डारण के लिए राष्ट्रीय कृषि विकास रफ्तार योजना वर्ष 2020-21 के घटक पैक हाऊस 85 यूनिट का लक्ष्य प्राप्त हुआ है। उद्यानिकी विभाग के सहायक संचालक ने बताया कि जिसे किसानों को विकासखण्डवार प्रदाय किया जाएगा। इनमें पैक हाउस निर्माण हेतु सामान्य वर्ग के लिए 56ः, अनुसूचित जनजाति के लिए 32ः एवं अनुसूचित जाति के लिए 12ः निर्धारित किया गया है। पैक हाउस का लाभ लेने के लिए कृषक विगत् 03 वर्षो से उद्यानिकी की खेती कर रहे हो, ऐसे कृषक ही इसके लिए पात्र होंगे तथा कृषकों को पैक हाउस का निर्माण स्वयं के प्रक्षेत्र मंे करना होगा। जिसका उपयोग हितग्राही स्वयं ही कर सकेगा। किसी को हस्तांतरित नहीं कर सकेंगे। इस योजना का लाभ लेने के ईच्छुक कृषक अपने भूमि संबंधी दस्तावेज बी-1, खसरा, नक्शा, आधार कार्ड, फोटो एवं बैंक खाता तथा स्टाम्प पेपर में अनुबंध पत्र की प्रति अपने विकासखण्ड में पदस्थ उद्यानिकी अधिकारियों से संपर्क कर जमा कर सकते है। इस योजना के क्रियान्वयन के लिए कृषकों का चयन पहले-आओ-पहले-पाओ के आधार पर किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि योजना का लाभ लेने के ईच्छुक कृषक विकासखण्ड प्रभारियों के पास प्रकरण जमा कराएंगे ताकि उक्त प्रकरण जिला कार्यालय के द्वारा स्वीकृत कर कार्यादेश जारी किया जा सकें। स्वीकृति आदेश प्रदाय होने के एक माह के भीतर पैक हाउस निर्माण कार्य पूर्ण कराना होगा। अन्यथा जारी आदेश स्वः निरस्त माना जाएगा। पैक हाउस निर्माण कार्य संचालक उद्यानिकी एवं प्रक्षेत्र वानिकी, छत्तीसगढ़ रायपुर द्वारा अनुमोदित व्यय प्राक्कलन एवं ड्राईंग डिजाईन के आधार पर करना होगा। पैक हाउस 9ग6 मीटर का एक हाॅल होगा, हाॅल के अंदर कमरे बने नहीं होने चाहिए, अन्यथा अनुदान का भुगतान नहीं होगा। पैक हाउस निर्माण कार्य का 100 प्रतिशत का देयक कार्यालय मे अनुदान भुगतान के लिए प्रस्तुत करना होगा। जिसमे प्रति इकाई राशि चार लाख रुपए का 50 प्रतिशत (2.00 लाख रुपए) अनुदान देय होगा। जिसमें तीन लाख कंस्ट्रक्शन में एवं एक लाख रूपए सामग्री पर व्यय होगा। निर्माण कार्य का उप अभियंता द्वारा मूल्यांकन करने के बाद व्यय अनुरुप मेजरमेंट बुक पूर्ण कर जिला कार्यालय मे प्रस्तुत करना होगा। अनुदान राशि का भुगतान संचालनालय द्वारा गठित समिति के भौतिक सत्यापन पश्चात् ही डीबीटी की जाएगी।