इंडिया रिपोर्टर लाइव
बीजिंग 01 मई 2024। चीन ने अपने सबसे उन्नत और तीसरे विमानवाहक पोत फुजियान का समुद्री परीक्षण शुरू कर दिया है। फुजियान के चीनी सेना में शामिल होने के बाद ड्रैगन की ताकत काफी ज्यादा बढ़ जाएगी। ताइवान और दक्षिण चीन सागर में जारी विवाद के बीच चीन ये परीक्षण कर रहा है। बुधवार से शुरू हो रहे परीक्षण में पोत के स्थायित्व, और इलेक्ट्रिक सिस्टम का प्राथमिक तौर पर परीक्षण किया जाएगा। चीन ने साल 2022 में फुजियान विमानवाहक पोत को लॉन्च किया था। अभी तक फुजियान पोत अपने मूरिंग परीक्षण और अन्य तकनीकी परीक्षण सफलतापूर्वक पूरे कर चुका है।
दक्षिण चीन सागर में कई देशों से ही चीन का विवाद
विमानवाहक पोत के परीक्षण के चलते चीन ने यांग्जी नदी में यातायात परिवहन रोक दिया है। याग्जी नदी में यातायात परिवहन पर रोक 9 मई तक जारी रहेगी। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, चीन साल 2035 तक दक्षिण चीन सागर में पांच या छह विमानवाहक पोतों की तैनाती का लक्ष्य लेकर चल रहा है। दक्षिण चीन सागर में चीन का कई देशों के साथ विवाद चल रहा है। चीन, दक्षिण चीन सागर के अधिकांश हिस्से पर अपना दावा जताता है। इस वजह से चीन का फिलीपींस, मलेशिया, ब्रुनेई और ताइवान के साथ सीमा विवाद चल रहा है। दक्षिण चीन सागर में चीन की नौसेना कई बार फिलीपींस के नौसैनिक जहाजों को रोक चुकी है।
फुजियान चीन का सबसे उन्नत विमानवाहक पोत
चीन अपने विमानवाहक पोतों का नाम अपने राज्यों के नाम पर रखता है। फुजियान प्रांत ताइवान जलडमरूमध्य की सीमा पर स्थित चीन का राज्य है। इसके अलावा चीन के पहले दो विमानवाहक पोत लियोनिंग और शानडोंग हैं। चीन का पहला विमानवाहक पोत लियोंनिंग था, जिसे साल 2012 में कमीशन किया गया था। लियोंनिंग सोवियत काल के विमानवाहक पोत का उन्नत संस्करण था। चीन का दूसरा विमानवाहक पोत शानडोंग साल 2019 में कमीशन हुआ। फुजियान एक इलेक्ट्रोमैग्नेटिक एयरक्राफ्ट लॉन्च सिस्टम है, जिसे चीन में ही विकसित किया गया है। यह अमेरिका के आधुनिक विमानवाहक पोत यूएसएस गेराल्ड आर.फोर्ड जैसा ही है। फुजियान का कुल वजन 80 हजार टन है, जो कि बाकी दो पोतों से 20 हजार टन ज्यादा है। चीन के पूर्व के दो विमानवाहक पोत स्की जंप टेक-ऑफ रैंप से लैस हैं, जबकि फुजियान में फ्लैट टॉप फ्लाइट डैक की सुविधा है। चीन अपने विमानवाहक पोतों पर जे-15 फाइटर जेट की तैनाती करता है।
चीन अपनी नौसेना की ताकत लगातार बढ़ा रहा है। इसी के तहत पनडुब्बी, युद्धक जहाज की संख्या लगातार बढ़ा रहा है। एक अनुमान के मुताबिक चीन लगभग हर महीने एक नौसैनिक जहाज का निर्माण कर रहा है। साथ ही चीन पाकिस्तान की नौसेना को भी मजबूत करने के लिए उसे युद्धक जहाज और पनडुब्बियां दे रहा है।