भारतीय मूल की वैज्ञानिक ने खोजा ब्रेन कैंसर से बचाव का रास्ता, धीमी होंगी कैंसर सेल्स की गतिविधियां

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इंडिया रिपोर्टर लाइव

नई दिल्ली 20 मई 2023। कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के सैन फ्रांसिस्को मेडिकल सेंटर के विज्ञानियों के एक दल ने ब्रेन कैंसर की वजह से मौत को टालने और कैंसर के साथ जीवन को आसान बनाने का रास्ता खोज लिया है। भारतीय मूल की वैज्ञानिक सरिता कृष्णा के नेतृत्व मे किए गए शोध में पता चला है कि कैंसर कोशिकाएं स्वस्थ मस्तिष्क कोशिकाओं के साथ जुड़कर अतिसक्रिय हो जाती हैं, जो संज्ञानात्मक क्षमताओं की क्षति और मृत्यु का कारण बनती हैं।

विज्ञान शोध पत्रिका नेचर में प्रकाशित इस शोध के नतीजों से कैंसरग्रस्त ब्रेन ट्यूमर के इलाज में बड़ा बदलाव होगा। इसे खासतौर पर ग्लियोब्लास्टोमा कैंसर रोगियों के इलाज के लिहाज से महत्वपूर्ण खोज माना जा रहा है। यह सबसे घात मस्तिष्क कैंसर होता है। ग्लियोब्लास्टोमा कैंसर से पीड़ित रोगी अधिकतम 15 माह तक जीवित रह पाते हैं। मस्तिष्क में कैंसर कोशिकाएं संज्ञानात्मक क्षमताओं से जुड़े मस्तिष्क के हिस्से की सामान्य कोशिकाओं पर तेजी से हमला करती हैं, जिससे शुरुआत में व्यक्ति की संज्ञान क्षमताएं-सुनना, देखना, सूंघना, महसूस करने की क्षमता खत्म होती हैं और आखिर में मौत हो जाती है।

ट्यूमर को भी रोका जा सकेगा  
इस शोध की प्रमुख लेखक सरिता कृष्णा बताती हैं कि शोध के दौरान यह भी पता चला कि व्यापक तौर पर इस्तेमाल की जाने वाली एंटी-सीजर दवा से दिमाग में कैंसर कोशिकाओं की तीव्र गतिविधियों को धीमा करते हुए, इनकी वृद्धि को रोका जा सकता है। कृष्णा बताती हैं कि शोध में सबसे अहम जानकारी यह सामने आई है कि स्वस्थ मस्तिष्क कोशिकाओं और कैंसर कोशिकाओं के बीच होने वाले संचार में हेरफेर कर ट्यूमर के विकास को धीमा करते हुए इसे बढ़ने से रोका भी जा सकता है।  

दिमाग को हाईजैक कर लेता है ट्यूमर
केरल के तिरुवनंतपुरम की रहने वाली कृष्णा ने बताया कि इस अप्रत्याशित खोज से पता चला है कि घातक कैंसर कोशिकाएं आसपास के मस्तिष्क के ऊतकों को हाईजैक कर उनका पुनर्गठन करती हैं। इससे पैदा होने वाली अतिसक्रियता की वजह से संज्ञानात्मक गिरावट होती है, जो रोगियों के जीवित रहने की अवधि को कम करती है।

गैबापेंटिन रोक सकती है मौत
इस खोज के बाद उन्होंने ब्रेन ऑर्गेनोइड्स (मानव स्टेम कोशिकाओं से प्राप्त न्यूरॉन्स के छोटे बंडलों और मानव ग्लियोब्लास्टोमा कोशिकाओं के साथ जुड़े माउस मॉडल) का उपयोग करके ट्यूमर कोशिकाओं के व्यापक जैविक लक्षणों का अध्ययन किया।

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