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लंदन 23 जून 2023। टाइटैनिक का मलबा दिखाने के लिए ले जाने वाली पनडुब्बी उत्तरी अटलांटिक में डूब गई थी। रविवार से ही इस पनडुब्बी का कुछ पता नहीं चल रहा है। हालांकि, पनडुब्बी की कंपनी ओशन गेट का कहना है कि मलबा देखने गए पांचों यात्री अब हमारे बीच नहीं रहे। इस बीच, ब्रिटेन के एक व्यवसायी भगवान का शुक्रिया न करते हुए थक रहे हैं। दरअसल, व्यवसायी ने अंतिम समय में न जाने का फैसला लिया था। ब्रिटेन के डिजिटल मार्केटिंग व्यवसायी क्रिस ब्राउन अंतिम समय में टाइटैनिक के मलबे को देखने की साहसिक यात्रा का अपना फैसला बदलने के लिए अपने भाग्य को धन्यवाद दे रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, ब्राउन अपने दोस्त और ब्रिटिश अरबपति हामिश हार्डिंग के साथ पनडुब्बी में जाने वाले थे।
पनडुब्बी टाइटन पिछले छह दिनों से लापता है। इसका ऑक्सीजन भंडार भी खत्म हो चुका है। अमेरिकी तट रक्षक, कनाडाई सैन्य विमान, फ्रांसीसी जहाज और टेलीगाइडेड रोबोट दिन-रात एक कर लोगों को बचाने का प्रयास कर रहे थे, लेकिन गुरुवार को एक दुखद खबर सामने आई। टाइटैनिक जहाज का मलबा देखने गए यात्री अब हमारे बीच नहीं रहे। दरअसल, पनडुब्बी अटलांटिक महासागर में अप्रैल 1912 में डूबे टाइटैनिक जहाज के मलबे को दिखाने ले गई थी।
इन लोगों की गई जान
पनडुब्बी में टाइटैनिक जहाज के अवशेष को देखने के लिए पांच सदस्यों को ले जाने की क्षमता थी। इसमें सवार एक यात्री ब्रिटिश व्यवसायी हैं। व्यापारी हामिश हार्डिंग (58) एविएटर, अंतरिक्ष पर्यटक और दुबई स्थित एक्शन एविएशन के अध्यक्ष थे। हामिश हार्डिंग वही शख्स थे, जिन्होंने नामीबिया से चीता लाने की परियोजना में भारत सरकार का सहयोग किया था।
ब्रिटिश-पाकिस्तानी व्यवसायी शहजादा दाऊद और उनका बेटा सुलेमान भी यात्रियों की सूची में शामिल है। शहजादा दाऊद पाकिस्तान के सबसे बड़े समूहों में से एक एंग्रो कॉर्पोरेशन के उपाध्यक्ष थे, जिनका उर्वरक, वाहन निर्माण, ऊर्जा और डिजिटल तकनीकों में निवेश था। एक वेबसाइट के अनुसार वह अपनी पत्नी और दो बच्चों के साथ ब्रिटेन में रहते थे। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, ओशनगेट के संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) स्टॉकटन रश और फ्रांसीसी पायलट पॉल-हेनरी नार्गोलेट भी इस पनडुब्बी में सवार थे।
क्यों नहीं गए मलबा देखने क्राउन
रिपोर्ट के अनुसार, मरने वालों में एक और नाम शामिल हो सकता था, लेकिन गनीमत रही कि ब्रिटेन के व्यवसायी ने अंतिम समय में न जाने का फैसला ले लिया। ब्राउन ने बताया कि वे पहले टाइटैनिक के मलबे को देखने जाने के लिए क्यों राजी हो गए थे। उन्होंने कहा कि एक आधुनिक साहसी व्यक्ति होने के नाते जो उन स्थानों के बारे में अपने ज्ञान की सीमाओं को आगे बढ़ाने में दिलचस्पी रखता है वहां जाता। टाइटैनिक लोगों के बीच में बहुत प्रसिद्ध है। हालांकि, टाइटैनिक सिर्फ एक प्रसिद्ध मलबा है, लेकिन इसे देखने के लिए उत्सुक था। इसे दिखाने के लिए ले जाने वाला यह अभियान ज्ञान को बढ़ाने के लिए था। इसलिए मैं सहमत हो गया और राशि भी भर दी।
ब्राउन ने कहा कि जैसे-जैसे जाने का समय करीब आ रहा था, वैसे-वैसे उत्साह चिंता में बदलने लगा। इसलिए थोड़ी खोजबीन की और हैरान रह गया। पनडुब्बी में पुराने मचान खंभे इस्तेमाल किए गए थे। इसके नियंत्रण कंप्यूटर गेम-शैली कंट्रोलरों पर आधारित थे। उन्होंने कहा कि मैंने तुरंत न जाने का मन बना लिया और मलबा दिखाने ले जाने वाली कंपनी ओशनगेट को ईमेल किया।
उन्होंने कहा कि कंपनी को किए गए मेल में मैंने लिखा था कि मैं इस यात्रा के लिए आगे नहीं बढ़ सकता। वहीं, आश्वस्त न होने के कारण मैंने रिफंड भी मांगा। ब्राउन ने कहा कि मैं जोखिम से भागने वालों में से नहीं हूं, लेकिन इस यात्रा को पूरा करने का मतलब था कि जान जाने का खतरा होना। व्यवसायी ब्राउन ने कहा कि मेरा दोस्त हामिश भी पनडुब्बी में सवार था।