
इंडिया रिपोर्टर लाइव
नई दिल्ली 28 जुलाई 2023। मणिपुर में बीते ढाई महीने से हालात खराब हैं। लगातार बिगड़ते हालात से मणिपुर के छात्र भी मुश्किल में हैं। मणिपुर के जो छात्र दिल्ली में रहकर पढ़ाई कर रहे हैं, वह अपने राज्य में हो रही हिंसा से बेहद परेशान हैं। उनका कहना है कि राज्य में मई से स्थिति बहुत खराब है। न तो मणिपुर सरकार इसे ‘कंट्रोल’ कर पा रही है न ही केंद्र सरकार इसमें कोई ‘एक्शन’ ले रही है। छात्रों का कहना है कि प्रदेश के हालात इतने खराब हैं कि कॉलेजों के ब्रेक के दौरान भी हम घर नहीं जा पा रहे हैं।
बातचीत में मणिपुरी छात्र सीजैन कहती हैं कि दो महिलाओं के साथ हुई बर्बरता ने देश को हिला दिया है। ये घटना मई माह में हुई थी। इंटरनेट और मीडिया पर पाबंदी की वजह से ये घटनाएं तब सामने नहीं आ पा रही थीं। आज भी इंटरनेट पर कई तरह की मारपीट, आगजनी के खौफनाक वीडियो वायरल हो रहे हैं। वहां पहाड़ी, मैदानी इलाके के दोनों समुदाय के लोग डर रहे हैं। राज्य की पुलिस कुछ नहीं कर पा रही है। मणिपुर को शुरुआत से ही राज्य और केंद्र सरकार ने नजरअंदाज किया है। इसलिए अब यह दिक्कत बढ़ गई है।
दिल्ली में बसे बच्चों को अपने परिवार की फिक्र
एक अन्य छात्र जीजेन कहती हैं कि आज हमारे राज्य मणिपुर में क्या हो रहा है यह पूरा देश नहीं दुनिया देख रही है। मुझे उन दो कुकी महिलाओं के बारे में सोचकर ही डर लगता है। लोगों को सुरक्षा न देने के लिए मणिपुर के सीएम जिम्मेदार हैं। दो कम्युनिटी के बीच की इस लड़ाई में राजनीति चल रही है और लोग मर रहे हैं। दोनों समुदाय के छात्रों का कहना है कि वे लोग मणिपुर में हो रही हिंसा से दुखी हैं, लेकिन सबसे ज्यादा परेशान वो मणिपुर में बसे अपने परिवार और रिश्तेदारों को लेकर हैं। आज वे लोग वहां कैसे गुजर बसर कर रहे होंगे, यह कोई नहीं जानता। कई लोग तो ऐसे हैं कि रोज कमाते हैं और खाते हैं। ऐसे लोग कैसे अपना गुजारा कर रहे होंगे। सरकार को चाहिए कि सभी को सुरक्षा दे और मदद करे।
बच्चे माता पिता से नहीं कर पा रहे बात
मणिपुर स्टूडेंट्स एसोसिएशन दिल्ली के एक सदस्य बताते हैं कि दिल्ली पुलिस ने उन इलाकों पर नजर रखी है, जहां मणिपुरी लोग रहते हैं, ऐसे में वे प्रदर्शन भी नहीं कर पा रहे हैं। दिल्ली में रहने वाले छात्र अपने परिवार को लेकर बहुत परेशान हैं। सभी छात्रों के माता-पिता और परिवार मणिपुर में रहते हैं। इंटरनेट बंद होने की वजह से छात्र कई दिनों से अपने अभिभावकों से बात भी नहीं कर पा रहे थे। यही नहीं छुट्टियों के दिनों में छात्र मणिपुर जाना भी चाहते थे, लेकिन वहां हो रही हिंसा ने उनके कदम रोक दिए। क्योंकि उनके परिवारवाले भी नहीं चाहते कि उनके बच्चे मणिपुर में आकर किसी तरह की कोई परेशानी मोल लें या इस विवाद में उलझें।
दिल्ली में छात्रों के बीच दिख रहा है तनाव
एसोसिएशन के सदस्य दबी जुबान में स्वीकार करते हैं कि जब से मणिपुर में दो समुदाय के बीच हिंसा बढ़ी है इसका असर दिल्ली में पढ़ रहे दोनों समुदाय के छात्रों पर भी देखने को मिल रहा है, क्योंकि मणिपुर में जो घटना हो रही है या फिर वहां जो चल रहा है इसकी जानकारी या वीडियो छात्रों को उनके परिजन या अन्य किसी माध्यमों से रोज मिल रहे हैं। इससे दिल्ली के छात्रों में भी तनाव बढ़ता जा रहा है। कुछ दिनों पहले दोनों समुदायों के छात्रों के बीच विवाद भी हुआ था। लेकिन समय रहते उसपर काबू पा लिया गया। इसलिए दिल्ली पुलिस ने ऐसे लोगों पर और उनके सोशल मीडिया अकाउंट्स पर नजर रखी हुई है।
इसी बीच दिल्ली के सभी जिलों में मैतेई और कुकी, दोनों कम्युनिटी के बीच तकरार के अंदेशे पर दिल्ली पुलिस अलर्ट है। हाल ही में इसे लेकर अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं। दिल्ली में मुनिरका, सफदरजंग एन्क्लेव, किशनगढ़, विजय नगर, महिपालपुर, खिड़की एक्सटेंशन, मुखर्जी नगर, सनलाइट कॉलोनी, गांधी विहार, शांति निकेतन जैसे कुछ इलाकों में मणिपुर की एक बड़ी आबादी रहती है। जेएनयू और डीयू नॉर्थ कैंपस में भी मणिपुर से स्टूडेंट्स हैं।