इंडिया रिपोर्टर लाइव
रायपुर 26 दिसम्बर 2020। आम लोगों को उनके घरों एवं आस-पास बैंकिंग सुविधाओं का लाभ प्रदान करने के कारण बैंक सखी आज शासन की विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं को पहुंचाने का कारगर माध्यम बन गई हैं। उल्लेखनीय है कि आम लोगों को खास करके ग्रामीण एवं समाज के निर्धन तबके के लोगों को बैंकों तक आवागमन की परेशानियों से मुक्ति दिलाकर उनके घरों एवं आस-पास में बैंकिंग सुविधा प्रदान करने हेतु बैंक सखी सुविधा की शुरूआत की गई थी। लेकिन आज अपने कार्यो के बदोलत आम जनता को बैंकिंग कार्यो में निरंतर सहुलियत प्रदान करने तथा लेन-देन में मदद करने के कारण आज बैंक सखियों का कार्य बहुउपयोगी हो गया है। बैंक सखियां स्व-सहायता समूह और बैंकों के बीच संपर्क सूत्र का भी कार्य कर रहीं है। आज स्व-सहायता समूहों को लगभग सभी प्रकार की बैंकिंग सुविधाएं बैंक सखियों के माध्यम से ही मिल रहा हैं।
बैंक सखियों के माध्यम से बस्तर जिले के सुदूर वंनाचल एवं दुर्गम क्षेत्रों में बसे गांवों के लोगों को मनरेगा भुगतान, सामाजिक पेंशन, आवास, मानदेय, विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति आदि का भुगतान जैसे अनेक बैंकिंग सुविधाओं का लाभ घर बैठे मिल रहा है। ज्ञातव्य है कि बस्तर जिले में दुर्गम एवं पहुंच विहीन क्षेत्र होने के कारण आज भी बहुत से क्षेत्रों में बैंक स्थापित नहीं है। गांवों से बैंकों की दूरी अत्यधिक होने के कारण इन क्षेत्रों के लोगों के लिए बैंको तक आवागमन करना किसी मुसीबत से कम नहीं है। ऐसे समय में बैंक सखी की सुविधा इन क्षेत्रों के लोगों के लिए बैंकिग सुविधा की दृष्टि से किसी देवदूत से कम नहीं है। अपने इन्हीं विशेषताओं एवं उपयोगिता के कारण बैंक सखी आज बैंक आम जनता के द्वारा की परिकल्पना को साकार करने में मददगार साबित हो रही है। वर्तमान में बैंक सखी वंचित परिवारों को वित्तीय समावेशन के लिए भी एक सशक्त माध्यम बन गया है।
बैंक सखी के रूप में महिलाएं वित्तीय कार्यों, बैंकिंग सेवाओं एवं सुविधाओं के लिए रोजगार भी मिल रहा है। इस तरह से बैंक सखी की व्यवस्था महिलाओं को स्वरोजगार उपलब्ध कराने का कारगर माध्यम बन गया है।