
इंडिया रिपोर्टर लाइव
नई दिल्ली 04 नवंबर 2023। दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को पेड़ों की कटाई की अनुमति देने में “लापरवाह रवैये” के लिए शहर के सरकारी अधिकारियों की खिंचाई की और कहा कि वे राष्ट्रीय राजधानी में वायु प्रदूषण “संकट” के लिए जिम्मेदार हैं। पेड़ों को काटने के अनुरोधों को स्वीकार करते समय सरकारी अधिकारियों द्वारा दिमाग का उपयोग न करने का आरोप लगाने वाली एक अवमानना याचिका पर सुनवाई कर रहे जस्टिस जसमीत सिंह ने कहा कि विकास महत्वपूर्ण है, लेकिन यह “लापरवाह” तरीके से नहीं हो सकता।
याचिकाकर्ता के वकील आदित्य एन. प्रकाश ने आरोप लगाया कि राष्ट्रीय राजधानी में हर घंटे पांच पेड़ों की कटाई होती है और अधिकारी न्यायिक आदेश और अपने हलफनामे के “पूर्ण उल्लंघन” में इसकी मंजूरी देते हैं। अदालत को याद दिलाया गया कि उप वन संरक्षक ने उसे आश्वासन दिया था कि पेड़ों को काटने की अनुमति देने वाले सभी आदेशों में कार्रवाई के कारण शामिल होंगे और पेड़ की तस्वीरों के साथ उसे ऑनलाइन अपलोड किया जाएगा। अदालत ने सरकारी वकील को बताया, “यहां क्या हो रहा है? ऐसे घिसे-पिटे आदेश। आपको कितनी लंबी रस्सी चाहिए? जो बात परेशान करने वाली है, वह है लापरवाह रवैया। आपको अपने ऊपर भारी जिम्मेदारी को समझना होगा… यह कोई कूड़ेदान नहीं है, जिसे आप हटा रहे हैं। देखिए आप कहां जा रहे हैं। यह स्तब्ध करने वाली बात है।
पेड़ों को काटने की अनुमति देने के तरीके को “अस्वीकार्य” बताते हुए जस्टिस सिंह ने कहा, “वायु प्रदूषण के कारण दिल्ली के नागरिकों को होने वाली परेशानी के लिए आप जिम्मेदार हैं…आप चाहते हैं कि लोग इस गैस चैंबर में रहें।” अदालत ने कहा कि उसके आदेश का खुलेआम उल्लंघन कर गिराए जा रहे हैं। पीठ ने कहा, “यह कर्तव्य की अवहेलना है। आप कन्नी काट रहे हैं। यह सरासर अदालत के आदेशों की अवहेलना है।