
इंडिया रिपोर्टर लाइव
लंदन 14 मई 2021। इंग्लैंड का इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (आईसीसी) वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (डब्ल्यूटीसी) के पहले संस्करण के फाइनल में पहुंचने का सपना पूरा नहीं हो सका। इंग्लैंड के क्रिकेटरों को इसका दुख जरूर होगा। टीम के तेज गेंदबाज स्टुअर्ट ब्रॉड ने इसका ठीकरा आईसीसी के प्वॉइंट सिस्टम पर फोड़ा है और कहा कि पांच मैचों की एशेज सीरीज और भारत और बांग्लादेश के बीच दो टेस्ट मैचों की सीरीज के प्वॉइंट्स कैसे बराबर हो सकते हैं।
भारत और न्यूजीलैंड के बीच 18 से 22 जून के बीच साउथम्पटन में डब्ल्यूटीसी का फाइनल मैच खेला जाएगा। आईसीसी ने हर सीरीज के लिये समान प्वॉइंट्स की व्यवस्था की थी, ताकि कम टेस्ट मैच खेलने वाली टीम पर उल्टा असर ना पड़े। ब्रॉड ने कहा, ‘वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप सच में अच्छी सोच है, लेकिन मुझे नहीं लगता कि अभी तक यह बिल्कुल सही है। पहली बार इसका आयोजन किया जा रहा है। यह मेरी समझ से परे है कि पांच मैचों की एशेज सीरीज और भारत और बांग्लादेश के बीच दो टेस्ट मैचों की सीरीज के एक जैसे प्वॉइंट्स कैसे हो सकते हैं।’
डब्ल्यूटीसी प्वॉइंट सिस्टम के तहत सीरीज का रिजल्ट नहीं बल्कि मैचों के रिजल्ट के हिसाब से प्वॉइंट्स दिए जा रहे थे। पांच मैचों की सीरीज में हर मैच जीतने पर कुल उपलब्ध प्वॉइंट्स के 20 फीसदी प्वॉइंट्स मिल रहे थे, जबकि दो मैचों की सीरीज में उपलब्ध प्वॉइंट्स के 50 फीसदी प्वॉइंट्स मिल रहे थे। इंग्लैंड की तरफ से 146 टेस्ट मैचों में 517 विकेट लेने वाले 34 वर्षीय ब्रॉड ने कहा कि मौजूदा प्वॉइंट सिस्टम में इंग्लैंड के लिए डब्ल्यूटीसी फाइनल में पहुंचना बेहद मुश्किल होगा।
उन्होंने कहा, ‘यह अच्छी सोच है लेकिन इसकी प्वॉइंट सिस्टम पर काम करने की जरूरत है। हमारे पास मौका था लेकिन इंग्लैंड की टीम जितनी अधिक क्रिकेट खेलती है, उसे देखते हुए मौजूदा व्यवस्था में उसके लिए फाइनल में जगह बनाना मुश्किल होगा।’ भारत ने ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के खिलाफ लगातार दो सीरीज जीतकर इन दोनों टीमों की डब्ल्यूटीसी फाइनल में पहुंचने की उम्मीदों पर पानी फेर दिया था। ऑस्ट्रेलिया तीसरे और इंग्लैंड चौथे स्थान पर रहा था।