लुटियन जोन के उस बंगले के लिए भी सिंधिया कर रहे प्रयास, जिसकी वजह से गिरी कमलनाथ की सरकार
इंडिया रिपोर्टर लाइव
भोपाल 7 अप्रैल 2121। बीजेपी में शामिल होते ही ज्योतिरादित्य सिंधिया की कई मुरादें पूरी हो गईं। कांग्रेस से आने के तुरंत बाद पार्टी ने उन्हें राज्यसभा का टिकट थमा दिया था। उनकी पसंद के लोगों को शिवराज कैबिनेट में जगह भी मिल गई थी। भोपाल में मकान की मुराद भी पूरी हो गई है, जिसके लिए कमलनाथ ने उन्हें 15 महीने तक टरकाते रहे थे। सियासी गलियारों अब एक नई चर्चा शुरू हो गई है, जिसके लिए ज्योतिरादित्य सिंधिया जोर लगा रहे हैं।
ज्योतिरादित्य सिंधिया को बीजेपी में आए हुए एक साल से ज्यादा वक्त हो गए हैं। एमपी में चीजें अभी उनके हिसाब से कुछ हद तक चलती है। उनकी मांगों का शिवराज सरकार पूरा ख्याल रखती है। शिवराज सार्वजनिक मंचों से लगातार स्वीकार करते हैं कि उनकी सरकार ज्योतिरादित्य सिंधिया की वजह से बनी है।
एमपी की तरह ज्योतिरादित्य सिंधिया को दिल्ली में अभी पावर नहीं मिला है। राजनीतिक विश्लेषक बताते हैं कि सिंधिया अब दिल्ली में भी अपनी धमक चाहते हैं। बीजेपी सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया अब बीजेपी के रंग में रंगने की कोशिश में लगे हैं। राज्यसभा में जोरदार भाषणों के जरिए सिंधिया ने अपने इरादे स्पष्ट कर दिए हैं। उन्होंने सरकार के लिए दो मौकों पर जोरदार बैटिंग की है, लेकिन संगठन से लेकर सरकार तक में उनके पास कोई जिम्मेदारी नहीं है। एमपी से उनके समर्थक यह मांग करते हैं कि उन्हें केंद्र में मंत्री बनाया जाए।
उस मकान के लिए फिर जोर, जिसकी वजह से कमलनाथ की सरकार गिरी
दरअसल, 2018 विधानसभा चुनाव परिणाम के बाद यह कयास लगाए जा रहे थे कि एमपी में सीएम ज्योतिरादित्य सिंधिया ही बनेंगे। मगर कांग्रेस आलाकमान ने उनकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया था। कमलनाथ और दिग्विजय सिंह की जुगलबंदी के आगे वह टिक नहीं पाए। उसके बाद सिंधिया की एक चाहत थी कि उन्हें दिल्ली के लुटियन जोन में पिता माधवराव सिंधिया वाला मकान फिर से एमपी सरकार के कोटे मिल जाए। साथ ही भोपाल में भी एक मकान मिले। दिल्ली के लुटियन जोन में स्थित मकान नंबर 26 से सिंधिया की बहुत सारी यादें जुड़ी हैं। कमलनाथ ने सिंधिया की यह ख्वाहिश पूरी नहीं की। लगातार वह इस मामले को टालते रहे।
भोपाल-दिल्ली में नहीं मिला मकान
कमलनाथ ने अपने 15 महीने के शासनकाल में ज्योतिरादित्य सिंधिया की यह ख्वाहिश पूरी नहीं की। न दिल्ली, न भोपाल में मकान दिया। उल्टे अपने बेटे नकुलनाथ को मकान आवंटित कर दिया। जानकार बताते हैं कि इस बात की टीस ज्योतिरादित्य सिंधिया को थी। साथ ही उनकी अन्य मांगे भी पूरी नहीं की जा रही थी। बहुत हद तक सहने के बाद उनका पेशेंश जवाब देने लगा और कमलनाथ की सरकार के खिलाफ खुल कर बोलने लगे।
लुटियन में मकान के लिए लगा रहे जोर
ज्योतिरादित्य सिंधिया अब राज्यसभा के सदस्य हैं। अभी वह सरकारी मकान में नहीं रहते हैं। बताया जा रहा है कि वह लुटियन जोन में उसी बंगले के लिए फिर से जोर लगा रहे हैं। इसके साथ ही संगठन और सरकार में ज्योतिरादित्य सिंधिया पावर भी चाहते हैं। अभी पार्टी ने पश्चिम बंगाल चुनाव में चौथे चरण के लिए उन्हें स्टार प्रचारक बनाया है।