
इंडिया रिपोर्टर लाइव
कोलकाता 15 दिसंबर 2023। तिब्बतियों के आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा ने चीन पर जुबानी हमला करते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि तिब्बत में लोग कड़े नियंत्रण में जीवन जी रहे हैं। शरणार्थी बने तिब्बतियों के पास भारत में तो आजादी है, लेकिन खुद अपने देश तिब्बत में नहीं। उल्लेखनीय है कि तिब्बत पर चीन का नियंत्रण है। दलाई लामा सिलिगुड़ी में सेद गुयेद मठ में अपने अनुयायियों को वक्तव्य देने 13 साल बाद आए हैं। दलाई लामा ने तिब्बत की संस्कृति को भारत की नालंदा परंपरा के भी बेहद निकट बताया। कहा, हजार साल पुरानी परंपराओं को हम अपने विचारों और आत्मविद्या से सहेज रहे हैं।
सुनने पहुंचे 50 हजार अनुयायी
दलाई लामा ने कहा, अपने गुस्से व ईर्ष्या के बीच मानसिक शांति बनाए रखने के हमारे पास कई तरीके हैं, जिससे हम इन्हें कम कर सकते हैं। दलाई लामा को सुनने मठ में 50 हजार अनुयायी दार्जिलिंग, कलिम्पोंग, डुआर्स के साथ-साथ असम, बिहार, सिक्किम और नेपाल व भूटान से भी आए। राजधानी गंगटोक में तीन दिन की यात्रा के बाद दलाई लामा ने 2 घंटे के लिए बोधिचित्त शिक्षाओं पर वक्तव्य दिया।
तिब्बत की पहचान को धीमी मौत मार रहा चीन : सेरिंग
तिब्बत की निर्वासित सरकार के राष्ट्रपति पेन्पा सेरिंग ने बृहस्पतिवार को ही दावा किया है कि चीन तिब्बत की सांस्कृतिक पहचान को धीमी मौत मार रहा है। साल 2025 में नया दलाई लामा चुना जाना है, जिसे लेकर चीन नई चालें चल रहा है। वह तिब्बत के 10 लाख बच्चों को बोर्डिंग स्कूलों में भेज उपनिवेश-शैली की शिक्षा दे रहा है, उनकी सांस्कृतिक पहचान मिटा रहा है। 2025 में वह अपनी पसंद का दलाई लामा भी नियुक्त करने की सोच रहा है।