इंडिया रिपोर्टर लाइव
कोच्चि 03 दिसंबर 2023। भारतीय नौसेना के लिए कोचीन शिपयार्ड लि. (सीएसएल) ने तीन पनडुब्बीरोधी युद्धपोतों का ढांचा तैयार कर लिया है। कोचीन शिपयार्ड कंपनी को रक्षा मंत्रालय से नौसेना के लिए आठ एंटी-सबमरीन वारफेयर शैलो वॉटर क्राफ्ट्स (एएसडब्ल्यू एसडब्ल्यूसी) बनाने का ऑर्डर मिला है। इनमें से पहले तीन युद्धपोतों को 30 नवंबर को लॉन्च किया गया। कोचीन शिपयार्ड के मुताबिक, पानी में छिपी दुश्मन की पनडुब्बियों को खोजकर मारने में सक्षम ये पोत 80 फीसदी स्वदेशी होंगे। खासतौर पर इनमें लगाए जाने वाले हथियार और सेंसर को देश में ही बनाया जाएगा। फिलहाल इन पोतों को सीएसएल के यार्ड में रखा गया है। तैयार होने के बाद ये नौसेना में आईएनएस माहे, आईएनएस मालवन और आईएनएस मैंग्रोल के नाम से शामिल होंगे।
25 समुद्री मील की रफ्तार
ये पोत करीब 78 मीटर लंबे, 11.36 मीटर चौड़े और 2.7 मीटर का हल है। इनमें से प्रत्येक का वजन करीब 896 टन है। ये 25 समुद्री मील की गति से 1,800 समुद्री मील तक की यात्रा कर सकते हैं। पानी के नीचे निगरानी के लिए इनमें अत्याधुनिक स्वदेशी सोनार लगाए जाएंगे। जहाजों की समय पर लॉन्चिंग बड़ी उपलब्धी माना जा रहा है।
अगले साल नवंबर में मिलेगा पहला पोत
पहला पोत नवंबर 2024 तक डिलीवरी के लिए निर्धारित है। युद्धपोतों के लॉन्च के दौरान नौसेना के वाइस एडमिरल संजय जे सिंह, नौसेना स्टाफ के उप प्रमुख, वाइस एडमिरल सूरज बेरी और वाइस एडमिरल पुनीत बहल उपस्थिति थे। तीनों जहाजों नौसेना अधिकारियों की पत्नियों ने लॉन्च किया। पहले पोता को संजय सिंह की पत्नी जरीन सिंह ने लॉन्च किया, दूसरे को कंगना बेरी और तीसरे को अंजली बहल ने लॉन्च किया।
रक्षा प्रमुखों ने युद्ध स्मारक पर अर्पित की पुष्पांजलि
नौसेना दिवस से पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान, सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे, वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी और नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार ने राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित की। भारतीय नौसेना 1971 के युद्ध के दौरान कराची बंदरगाह पर नौसेना के हमले ‘ऑपरेशन ट्राइडेंट’ की याद में चार दिसंबर को नौसेना दिवस मनाती है।