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वडोदरा 13 अक्टूबर 2023। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के महासचिव दत्तात्रेय होसबोले ने गुरुवार को बडोदरा में स्थानीय आरएसएस कार्यकर्ताओं को संबोधित किए। उन्होंने अपने संबोधन में आरएसएस कार्यकर्ताओं से जाति-आधारित भेदभाव को खत्म करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, ‘कोई भी व्यक्ति किसी भी मंदिर में प्रवेश कर सकता है। हर किसी को पानी के किसी भी स्त्रोत से पानी लेने का पूरा अधिकार है। हम जाति, धर्म, छुआछूत के आधार पर होने वाले भेदभाव को सहन नहीं करेंगे। क्योंकि इससे पूरा हिंदू समुदाय बदनाम होता है। इस भेदभाव का विरोध करने की बजाय हमें इसे मिटाना होगा।’
जाति आधारित भेदभाव खत्म करने की अपील
दत्तात्रेय होसबोले ने एशियाई खेल और कोविड-19 का उदाहरण देते हुए जाति आधारित भेवभाव को खत्म करने का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा, ‘जब भारतीय खिलाड़ी एशियाई खेलों में पदक जीतकर आते हैं तो कोई उनके उनकी जाति नहीं पूछता। कोविड-19 के लॉकडाउन के दौरान लोगों ने प्रवासी मजदूरों की मदद उनकी जाति पूछकर नहीं की थी। ठीक इसी तरह चंद्रयान-3 की सफलता पर किसी ने भी वैज्ञानिकों की जाति नहीं पूछी। इससे यह पता चलता है कि हमारे देश के लोग सफलता और संकट के दौरान एक साथ खड़े होते हैं।
बिना किसी का नाम लिए आरएसएस महासचिव ने कहा कि कुछ ऐसे भी लोग है, जो सनातन धर्म को नष्ट करने की धमकी देते हैं और हिंदुओं पर बात करने के लिए आरएसएस पर सांप्रदायिक होने का आरोप लगाते हैं। उन्होंने आगे कहा कि सनातन धर्म केवल पूजा या भक्ति नहीं बल्कि हर मनुष्य के भीतर भगवान की उपस्थिति है। जिस तरह से भारत ने यहूदियों, पारसियों और दलाई लामा और समर्थकों को यहां शरण दी है, वह वसुधैव कुटुंबकम के ही सिद्धांत है।