इंडिया रिपोर्टर लाइव
नई दिल्ली13 अक्टूबर 2023। नौसेना प्रमुख एडमिरल हरि कुमार का कहना है कि देश में काम कर रहीं सभी खुफिया एजेंसियों में मजबूत आपसी समन्वय होना चाहिए, ताकि आंतरिक खतरों से बचते हुए सुरक्षा को मजबूत किया जा सके। देश में इस समय 14 खुफिया एजेंसियां काम कर रही हैं, लेकिन कभी-कभी इनके कार्यक्षेत्र परस्पर मिले-जुले होते हैं। डीआरडीओ भवन में गुरुवार को राष्ट्रीय सुरक्षा गारद (एनएसजी) के स्थापना दिवस पर हुए आतंक-रोधी सेमिनार में नौसेना प्रमुख ने सूचनाओं के आदान-प्रदान में भी निरंतरता लाने के लिए एजेंसियों को मिलकर काम करने की जरूरत बताई। एडमिरल ने कहा कि नए तरह के खतरों के बारे में समय पर मिली सही खुफिया सूचनाएं हमारी सबसे पहली सुरक्षा पंक्ति है। इसी वजह से इंटेलिजेंस, इनोवेशन, इंटीग्रेशन और इंटर-एजेंसी समन्वय, इन चारों पर जोर देना चाहिए। यह खतरों को रोकने में कारगर साबित होंगे।
एनएसजी के महानिदेशक एमएएस गणपति ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ काम कर रही एजेंसियों को इस्राइल में हुए हमास आतंकियों की अभूतपूर्व विभत्स कार्रवाई को गहराई से समझने की जरूरत है। इस्राइल जैसे अति आधुनिक तकनीक, सटीक खुफिया तंत्र और जबरदस्त सुरक्षा कवच के बावजूद हमास आतंकी संगठन ने उसकी सीमा में घुसकर जिस स्तर का हिंसक तांडव किया, उसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती थी।
गणपति ने कहा कि यह आत्मसात करना जरूरी है कि आखिरकार इंसानी ताकत और हथियार व तकनीक ही है जो आतंकवाद से निर्णायक लड़ाई मेंं मुख्य भूमिका निभाएंगे। चाहे जितनी तकनीक विकसित कर लें, वह एक अति प्रशिक्षित सिपाही होगा जो नाजुक समय मेंं निर्णायक परिणाम देगा। लिहाजा एजेंसियों को अपने लड़ाकों को लगातार विश्वस्तरीय प्रशिक्षण देने की जरूरत है।