इंडिया रिपोर्टर लाइव
नई दिल्ली 06 अगस्त 2021। अमेजन-फ्यूचर-रिलायंस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है। मामले में रिलायंस और फ्यूचर रिटेल लिमिटेड (एफआरएल) को झटका लगा है। रिलायंस व फ्यूचर रिटेल के 24,713 करोड़ रुपये के सौदे के मामले में अमेरिकी ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन की बड़ी जीत हुई है। न्यायालय ने विलय के सौदे पर रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि सिंगापुर में आया इमरजेंसी आर्बिट्रेटर का फैसला भारत में लागू है। इमरजेंसी आर्बिट्रेटर ने इस सौदे पर रोक लगाई थी।
अमेजन ने रिलायंस और फ्यूचर ग्रुप के बीच हुई डील का अलग-अलग अदालतों में विरोध किया था। न्यायमूर्ति आर एफ नरीमन की पीठ ने सभी पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद फ्यूचर रिटेल लिमिटेड और रिलायंस रिटेल के मामले में 29 जुलाई को अपना फैसला सुरक्षित रखा था। साल 2019 में अमेजन ने फ्यूचर समूह की गिफ्ट वाउचर इकाई में 49 फीसदी हिस्सेदारी के लिए 1920 लाख डॉलर का भुगतान किया था। मामले में अमेजन का कहना है कि इस सौदे की शर्तें फ्यूचर समूह को फ्यूचर रिटेल लिमिटेड के कारोबार को रिलायंस को बेचने से रोकती हैं। उच्चतम न्यायालय ने 22 फरवरी को अपने अंतरिम आदेश में राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) से विलय पर अंतिम आदेश पारित नहीं करने को कहा था। फ्यूचर समूह ने रिलायंस के साथ 24,713 करोड़ रुपये के सौदे के लिए नियामकीय मंजूरियों के लिए न्यायाधिकरण का रुख किया था। वहीं अमेजन ने दिल्ली उच्च न्यायालय की खंडपीठ के आदेश को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी।
क्या कहा था अमेजन ने: अमेजन ने कोर्ट में कहा था कि सिंगापुर के आपातकालीन पंचाट (ईए) का फ्यूचर ग्रुप को रिलायंस रिटेल के साथ विलय सौदे से रोकने का फैसला ‘वैध’ है और इसका क्रियान्वयन कराया जाना चाहिए। इस मामले में वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने फ्यूचर ग्रुप और वरिष्ठ वकील गोपाल सुब्रहमण्यम ने अमेजन की पैरवी करते हुए अपनी-अपनी दलीलें रखी थी।
अमेजन ने दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को दी थी चुनौती: अमेजन ने रिलायंस-फ्यूचर ग्रुप की डील का रास्ता साफ करने वाले दिल्ली हाईकोर्ट की खंड पीठ के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। अमेजन ने कोर्ट में तर्क दिया था कि फ्यूचर ग्रुप के बियानी परिवार ने कुछ समझौता करने के लिए उसके साथ बातचीत की थी। वह ईए के उस फैसले को मानने के लिए बाध्य हैं, जिसमें फ्यूचर ग्रुप को रिलायंस रिटेल के साथ विलय के सौदे पर आगे बढ़ने से रोक लगायी गयी है।
अमेजन को दिक्कत क्या है: रिलायंस और फ्यूचर ग्रुप की डील के मालिकाना हक पर अमेजन को दिक्कत है। फ्यूचर ग्रुप की ही एक कंपनी फ्यूचर कूपंस में अमेजन की 49 फीसदी की हिस्सेदारी थी। अमेजन और फ्यूचर ग्रुप के बीच जो डील थी उसके मुताबिक, कंपनी बेची जाती है तो खरीद का पहला अधिकार अमेजन का ही होगा लेकिन रिलायंस-फ्यूचर ग्रुप की डील में इसका पालन नहीं हुआ।