
इंडिया रिपोर्टर लाइव
नई दिल्ली 15 दिसंबर 2023। शीतकालीन सत्र के शेष दिवस की कार्यवाही संसद की सुरक्षा चूक से जुड़े मुद्दे की भेंट चढ़ सकती है। सरकार ने इस मामले में चर्चा के लिए हामी नहीं भरने और विपक्ष के दबाव में न आने का फैसला किया है। दूसरी ओर, लोकसभा चुनाव से पूर्व इसे एक बड़े अवसर के रूप में देख रहे विपक्षी गठबंधन ने इस मुद्दे पर आक्रामक रुख अपनाने का फैसला किया है। विपक्ष ने कहा कि जब तक गृह मंत्री सदन में इस मुद्दे पर सरकार का पक्ष नहीं रखते, समाधान के लिए बुलाई गई बैठक का कोई मतलब नहीं है।
तकरार के बीच बृहस्पतिवार को दोनों सदनों से जुड़े 14 विपक्षी सांसदों के निलंबन की कार्रवाई के बाद सुलह-सफाई की गुंजाइश करीब-करीब खत्म हो गई है। संसद की कार्यवाही शुरू होने से पूर्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गृह मंत्री अमित शाह सहित कई वरिष्ठ मंत्रियों के साथ संसद भवन में बैठक की। इसमें फैसला हुआ कि सरकार इस मुद्दे पर विपक्ष के विस्तृत चर्चा कराने और गृह मंत्री के बयान के साथ आरोपियों को पास उपलब्ध कराने वाले पार्टी सांसद प्रदीप सिम्हा के खिलाफ कार्रवाई की मांग स्वीकार नहीं करेगी। बैठक में इस मुद्दे पर आक्रामक रुख अपनाने का भी फैसला किया गया।
विधायी कार्यों को रोककर चर्चा हो : खरगे
राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सभापति जगदीप धनखड़ को पत्र लिखकर कहा कि जबतक सुरक्षा में सेंध के मुद्दे पर कार्य स्थगन प्रस्ताव पर विचार करके समस्त विधायी कार्यों को रोकर चर्चा नहीं कराई जाएगी और गृहमंत्री सदन में सरकार का पक्ष नहीं रखते तब तक इस मसले के समाधान के लिए किसी तरह की बैठक के लिए कोई अवसर नहीं है। दरअसल, सभापति ने बृहस्पतिवार को नेता विपक्ष को अपने कक्ष में आकर इस मुद्दे पर बात करने के लिए कहा था, लेकिन वह नहीं गए। खरगे ने पत्र में कहा है कि यह मामला बेहद संवेदनशील है।
अधीर बोले- अंदर से खोखली है सुरक्षा लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा, वास्तव में राष्ट्रीय सुरक्षा अंदर से खोखली हो गई है। सरकार को घटना की निंदा करनी चाहिए। 2001 में संसद पर हमला हुआ था, तो सोनिया गांधी ने पीएम अटल बिहारी वाजपेयी को फोन करके पूछा था कि क्या वह ठीक हैं। अब ऐसी कोई परंपरा ही नहीं है।
उच्चस्तरीय जांच शुरू…पर ऐसी राजनीति नहीं हुई : जोशी
केंद्र सरकार ने बृहस्पतिवार को कहा कि लोकसभा में बुधवार को सुरक्षा चूक के मामले में उच्चस्तरीय जांच शुरू कर दी गई है और विपक्ष को इस मुद्दे पर राजनीति नहीं करनी चाहिए। संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी ने लोकसभा में विपक्ष की नारेबाजी के बीच कहा, हम सब सहमत हैं कि कल की दुर्भाग्यपूर्ण घटना सदस्यों की सुरक्षा के लिहाज से गंभीर थी। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने घटना के तत्काल बाद सभी दलों के सदन के नेताओं की बैठक बुलाई और संसद की सुरक्षा को और पुख्ता करने के लिए सबके सुझाव सुने।
जोशी ने कहा कि सांसदों के कुछ सुझावों को लागू किया जा चुका है तथा लोकसभा अध्यक्ष ने आज स्वयं कहा है कि सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए भविष्य में और भी कदम उठाए जाएंगे। केंद्रीय मंत्री ने कहा, हम सभी को एक स्वर में बोलना होगा। उन्होंने कहा कि इस तरह के राष्ट्रीय मुद्दे पर किसी भी सदस्य से राजनीति की अपेक्षा नहीं की जाती। जोशी ने 1974 से लेकर 1999 तक सदन में सुरक्षा चूक की कुछ घटनाओं का विवरण देते हुए कहा कि पहले भी दर्शक दीर्घाओं से नारेबाजी, कागज फेंकने और यहां तक कि सदन में कूदने की घटनाएं होती रही हैं। उन्होंने कहा, मैं इन घटनाओं की तुलना कल की घटना से नहीं कर रहा, लेकिन हमें अपने अतीत से सबक सीखना होता है, ताकि भविष्य उज्ज्वल हो।
आरोपियों का डीएनए कांग्रेस और कम्युनिस्ट धुरी से जुड़ा : मालवीय
संसद सुरक्षा चूक मामले में भाजपा ने विपक्ष पर पलटवार करते हुए कहा कि जैसे-जैसे घटना का विवरण सामने आ रहा है, यह स्पष्ट होता जा रहा है कि लोकसभा में घुसने वालों (उपद्रवियों) का डीएनए कांग्रेस-कम्युनिस्ट धुरी से जुड़ा हुआ है। भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने बृहस्पतिवार को सोशल मीडिया में कहा कि ये वही लोग हैं, जो राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा का हिस्सा थे और पूर्व में हुए सुनियोजित विरोध प्रदर्शनों में सक्रिय भागीदार थे।
भाजपा के राज्यसभा सांसद राकेश सिन्हा ने विपक्षी दलों पर संसदीय लोकतंत्र की नींव को कमजोर करने का आरोप लगाया। कहा कि यह सिर्फ आज की बात नहीं है। पिछले सत्र में उन्होंने शून्यकाल और प्रश्नकाल नहीं होने दिया था। उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्ष द्वारा संसदीय कार्यवाही में व्यवधान इस बात का प्रमाण है कि उसे न तो संसदीय लोकतंत्र में विश्वास है और न ही उसे लोगों की परवाह है।
ध्यान भटकाना चाह रही आईटी सेल : रमेश
कांग्रेस ने बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि संसद की सुरक्षा में गंभीर चूक हुई है, लेकिन भाजपा सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) प्रकोष्ठ प्रमुख अमित मालवीय तथ्यों से ध्यान भटकाना चाह रहे हैं। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया, ‘भाजपा का आईटी प्रकोष्ठ किसी भी तरह से दो तथ्यों से ध्यान भटकाना चाहता है। पहला यह कि संसद की सुरक्षा में गंभीर चूक हुई। दूसरा, यह कि लोकसभा में खतरनाक ढंग से घुसपैठ करने वालों का, मैसूर से भाजपा सांसद प्रताप सिम्हा ने संसद में प्रवेश के लिए पास बनवाया।
शिवसेना यूटी की प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा मामला बहुत महत्वपूर्ण है, सरकार को इस पर बोलना ही होगा। भाकपा सांसद विनय विश्वम ने कहा यह निलंबन अनुचित, अलोकतांत्रिक और राजनीति से प्रेरित है। यह एक अलोकतांत्रिक सरकार का परिचायक है, जिसे संसद की कोई परवाह नहीं है। जब पहले से हमले की चेतावनी थी तो क्यों एहतियात नहीं बरता गया। तृणमूल सांसद डोला सेन ने कहा, ओ ब्रायन का निलंबन उचित नहीं है। वे अपने दायरे में थे, उन पर अनावश्यक कार्रवाई की गई है। सत्ता पक्ष को आइना दिखाना विपक्ष का काम है। यह राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला है, इसकी अनदेखी नहीं की जा सकती। सरकार इस मुद्दे से बच नहीं सकती।
निलंबन के बाद मौन प्रदर्शन
राज्यसभा से निलंबन व विशेषाधिकार हनन के दोषी करार दिए जाने के बाद तृणमूल कांग्रेस सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने संसद परिसर में मौन विरोध प्रदर्शन किया। सदन से बाहर आने के बाद ओ ब्रायन ने पत्रकारों के किसी सवाल का जवाब नहीं दिया।
बेनीवाल ने स्पीकर के मंच पर चढ़ने का किया प्रयास
राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के सांसद हनुमान बेनीवाल ने बृहस्पतिवार को सुरक्षा चूक को लेकर विपक्ष की नारेबाजी के बीच लोकसभा अध्यक्ष के मंच पर चढ़ने का प्रयास किया। बेनीवाल ने संसद में कूदने वाले एक आरोपी को दबोच लिया था।