
इंडिया रिपोर्टर लाइव
कोलकाता 30 अगस्त 2024। बंगाल में हुए महिला चिकित्सक के साथ अमानवीय व्यवहार और दुष्कर्म मामले को लेकर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने एक बार फिर राहुल गांधी और कांग्रेस को आड़े हाथ लिया है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी चुनाव के समय हिट एंड रंन करेंगे, एक बयान देकर उससे मुकर जाएंगे। लेकिन बंगाल के संबंध में उनकी जुबान नहीं खुल रही। खासकर एक महिला चिकित्सक से दुष्कर्म जैसी घटना सामने आई, लेकिन राहुल गांधी ने एक शब्द भी संवेदना के तौर पर बोलना उचित नहीं समझा। उन्होंने कहा कि अब देश की जनता समझ रही है कि राहुल गांधी की नीयत और नियति क्या है। लोग समझ रहे हैं कि कांग्रेस और राहुल गांधी सिर्फ तुष्टिकरण की राजनीति कर रहे हैं तथा अपने वोट बैंक को बढ़ाने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं। भाजपा के वरिष्ठ नेता गिरिराज ने कहा कि राहुल गांधी हों चाहे अखिलेश यादव हों। यह लोग लक्षित (टारगेटेड) विषय को लेकर चलते हैं, लेकिन बेचारी बेटियों से अन्याय, पीड़ितों और सामूहिक दुष्कर्म पर इनकी जुबानें नहीं खुलेंगी। इस दौरान उन्होंने कहा कि राहुल गांधी चुनाव में मसला उठाते हैं हिट एंड रन का मुद्दा लेकर हिट एंड रन करेंगे। इस दौरान उन्होंने कहा कि अब लोग समझने लगे हैं राहुल गांधी की भाषा को। उनकी जुबान सब जगह खुलती है, लेकिन बंगाल पर क्यों नहीं खुल रही है। देश की जनता जानना चाहती है। दरअसल, बेगूसराय के सांसद तथा केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह चार दिवसीय दौरे पर अपने संसदीय क्षेत्र में पहुंचे हुए हैं।
गौरतलब है कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी बंगाल डॉक्टर दुष्कर्म मामले और महाराष्ट्र के बदलापुर मामले सहित कई मुद्दों पर अपनी प्रतिक्रिया दे चुके हैं। उन्होंने 14 अगस्त को सोशल मीडिया एक्स पर लिखा कि कोलकाता में जूनियर डॉक्टर से दुष्कर्म और हत्या की वीभत्स घटना से पूरा देश स्तब्ध है। उसके साथ हुए क्रूर और अमानवीय कृत्य की परत दर परत जिस तरह खुल कर सामने आ रही है, उससे चिकित्सक समुदाय और महिलाओं के बीच असुरक्षा का माहौल है। पीड़िता को न्याय दिलाने की जगह आरोपियों को बचाने की कोशिश अस्पताल और स्थानीय प्रशासन पर गंभीर प्रश्न खड़े करता है।
उन्होंने आगे लिखा कि इस घटना ने सोचने पर मजबूर कर दिया है कि अगर मेडिकल कॉलेज जैसी जगह पर चिकित्सक सेफ नहीं हैं तो किस भरोसे अभिभावक अपनी बेटियों को पढ़ने बाहर भेजें? निर्भया केस के बाद बने कठोर कानून भी ऐसे अपराधों को रोक पाने में असफल क्यों हैं? हाथरस से उन्नाव, और कठुआ से लेकर कोलकाता तक महिलाओं के खिलाफ लगातार बढ़ती घटनाओं पर हर दल, हर वर्ग को मिलकर गंभीर विचार-विमर्श कर ठोस उपाय करने होंगे। मैं इस असहनीय कष्ट में पीड़िता के परिवार के साथ खड़ा हूं। उन्हें हर हाल में न्याय मिले और दोषियों को ऐसी सजा मिले जो समाज में एक नजीर की तरह प्रस्तुत की जाए।
वहीं, 21 अगस्त को राहुल गांधी ने एक्स पर लिखा कि पश्चिम बंगाल, यूपी, बिहार के बाद महाराष्ट्र में भी बेटियों के खिलाफ शर्मनाक अपराध सोचने पर मजबूर करते हैं कि हम एक समाज के तौर पर कहां जा रहे हैं? बदलापुर में दो मासूमों के साथ हुए अपराध के बाद उनको इंसाफ दिलाने के लिए पहला कदम तब तक नहीं उठाया गया, जब तक जनता ‘न्याय की गुहार’ करते हुए सड़क पर नहीं आ गई। क्या अब FIR तक दर्ज कराने के लिए आंदोलन करने पड़ेंगे? आखिर पीड़ितों के लिए पुलिस थाने तक जाना भी इतना मुश्किल क्यों हो गया है?
उन्होंने आगे लिखा कि न्याय दिलाने से अधिक प्रयास अपराध छिपाने के लिए किया जाता है, जिसका सबसे बड़ा शिकार महिलाएं और कमजोर वर्ग के लोग होते हैं। FIR दर्ज नहीं होना न सिर्फ पीड़ितों को हतोत्साहित करता है, बल्कि अपराधियों का हौसला भी बढ़ाता है। सभी सरकारों, नागरिकों और राजनीतिक दलों को गंभीर मंथन करना होगा कि समाज में महिलाओं को सुरक्षित माहौल देने के लिए क्या कदम उठाए जाएं। न्याय हर नागरिक का अधिकार है, उसे पुलिस और प्रशासन की ‘मर्जी का मोहताज’ नहीं बनाया जा सकता।