
इंडिया रिपोर्टर लाइव
नई दिल्ली 19 दिसंबर 2024। बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर के मुद्दे पर कांग्रेस और भाजपा दोनों आमने- सामने हैं। गुरुवार को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा और केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कांग्रेस को घेरा। दोनों नेताओं ने कांग्रेस पर बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर का अपमान करने का आरोप लगाया। केंद्रीय मंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि कांग्रेस बाबा साहेब आंबेडकर को लेकर झूठ बोलना बंद करे। कांग्रेस ने हमेशा डॉ. आंबेडकर को नजरअंदाज और अपमानित किया। जबकि भाजपा सरकार ने हमेशा बाबा साहेब की विरासत का सम्मान किया और कई सारे काम कराए। एक्स पर पोस्ट में नड्डा ने कहा कि कांग्रेस और उसका सड़ा हुआ पारिस्थितकी तंत्र तीसरी बार लोकसभा चुनाव हार गया और कई विधानसभा में उनका प्रदर्शन खराब रहा है। इसी साल नवंबर में भी कांग्रेस महाराष्ट्र में हार गई। कम से कम अब तो झूठ बोलना बंद करना चाहिए। क्योंकि आपका झूठ कभी काम नहीं करेगा। सत्य की हमेशा जीत होती है। जय भीम।
डॉ. आंबेडकर से नफरत करते थे नेहरू
नड्डा ने यह भी कहा कांग्रेस ने अमित शाह के बयान को तोड़ मरोड़कर पेश किया है। सत्य, लोकतंत्र और सामाजिक न्याय में विश्वास करने वालों के सामने कांग्रेस और उसके सड़े हुए पारिस्थितिक तंत्र का असली चेहरा उजागर हो गया है। नड्डा ने कहा कि मैंने डॉ आंबेडकर के प्रति कांग्रेस की गहरी नफरत को दर्शाने के लिए कुछ तथ्य साझा किए हैं। पंडित नेहरू डॉ आंबेडकर से नफरत करते थे। यह बेपनाह नफरत थी। इसीलिए पंडित नेहरू ने डॉ. आंबेडकर को दो बार हराया। नेहरू खुशी से अपने विदेशी मित्रों को पत्र लिख रहे थे कि आंबेडकर अब कैबिनेट में नहीं हैं।
भाजपा ने बनवाया स्मारक
नड्डा ने कहा कि दिल्ली में अलीपुर रोड स्थित वह घर जहां डॉ. आंबेडकर ने अंतिम सांस ली थी, वहां भाजपा ने राष्ट्रीय स्मारक बनवाया। जबकि आंबेडकर का अपमान करने वाली कांग्रेस ने कुछ भी नहीं किया। मुंबई में आंबेडकर के अंतिम संस्कार स्थल चैत्य भूमि के विकास के कांग्रेस ने झूठे वादे किए। लेकिन मोदी ने यहां पर 2015 में भूमि हस्तांतरण किया जाए। मोदी ने हाल ही में दो बार वहां प्रार्थना की। नड्डा ने कहा कि कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा ने कहा था कि संविधान बनाने में आंबेडकर से ज्यादा नेहरू का योगदान था। उनका यह पोस्ट डिलीट कर दिया गया है। इससे साफ है कि कांग्रेस वास्तव में डॉ आंबेडकर के बारे में क्या सोचती है कि हमारे संविधान के निर्माण में उनकी कोई भूमिका नहीं थी। कुछ स्क्रीनशॉट वास्तव में एक हजार शब्द बोलते हैं। नड्डा ने कहा कि एक्स पोस्ट को हटाया जा सकता है लेकिन उनकी असली भावनाएं कभी नहीं जाएंगी।
केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि कांग्रेस नेताओं को विदेशी धरती पर भारत के बारे में झूठ फैलाना पसंद है, लेकिन उन्होंने लंदन में एक जगह के बारे में कभी चिंता नहीं की, जहां डॉ. आंबेडकर खुद रहते थे। पीएम मोदी की 2015 की यूके यात्रा के दौरा वहां गए थे। बाद में इसे महाराष्ट्र सरकार ने अधिग्रहित कर लिया।
कांग्रेस के घड़ियाली आंसू महज दिखावा: प्रधान
केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने भी डॉ. आंबेडकर के मुद्दे पर कांग्रेस को घेरा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस हमेशा से ही भीमराव आंबेडकर से नफरत करती रही है। कांग्रेस ने एनसीईआरटी की एक किताब में एक कार्टून भी बनवाया, इसमें जवाहरलाल नेहरू को आंबेडकर को ‘कोड़े मारते’ हुए दिखाया गया है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अचानक कांग्रेस के अंदर बाबा साहेब आंबेडकर के प्रति सम्मान उमड़ पड़ा है। बाबासाहेब को लेकर कांग्रेस के ये घड़ियाली आंसू सिर्फ दिखावा हैं, इनकी कथनी और करनी में जमीन-आसमान का अंतर है।
एक्स पर पोस्ट में प्रधान ने लिखा कि कांग्रेस की बाबासाहेब को लेकर नफरत और घृणा जगजाहिर है। कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए-2 सरकार में 2012 में NCERT की कक्षा 11 की किताब में एक शर्मनाक कार्टून शामिल किया गया था, जिसमें पंडित नेहरू को बाबासाहेब आंबेडकर को कोड़े मारते हुए दिखाया गया था। भाजपा के पुरजोर विरोध के बाद तत्कालीन मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल ने माफी मांगते हुए इसे वापस लेने की घोषणा की थी। प्रधान ने कहा कि ऐसा शर्मनाक कृत्य अनजाने में तो कतई नहीं हो सकता। निश्चित रूप से शाही परिवार की मंजूरी के बाद ही बाबासाहेब के प्रति नफरत से भरा ये कार्टून सार्वजनिक हुआ था और ये पूरा देश जानता है कि उस समय की रिमोट से चलने वाली सरकार का कंट्रोल किसके पास था।
उन्होंने कहा कि खुद को भारत रत्न देने वाले भ्रष्ट मानसिकता के लोगों ने कभी बाबासाहेब को उचित सम्मान नहीं दिया। जब प्रधानमंत्री मोदी बाबा साहेब आंबेडकर को भव्य सम्मान दे रहे हैं तो कांग्रेस इसे पचा नहीं पा रही है। बाबा साहेब आंबेडकर के नाम पर राजनीतिक रोटियां सेंकने वाली कांग्रेस केवल मजबूरी में उनका नाम लेती है। जबकि सच्चाई यही है कि जवाहर लाल नेहरू से लेकर राहुल गांधी तक पूरी कांग्रेस हमेशा बाबा साहेब से नफरत करती रही है।