
इंडिया रिपोर्टर लाइव
रायबरेली 05 जून 2024। मतदान से दो दिन पहले 18 मई को आईटीआई मैदान में सोनिया ने रायबरेली की जनता से भावुक अपील की थी… अपना बेटा सौंप रही हूं। जैसे मुझे अपनाया, वैसे ही राहुल को अपनाना। मैं रहूं या न रहूं, राहुल आपको कभी निराश नहीं करेंगे। सोनिया की इस अपील पर वोटरों ने राहुल को एतिहासिक जनादेश दे दिया। रायबरेली संसदीय सीट से एतिहासिक जीत दर्ज कराकर राहुल ने दादी इंदिरा गांधी और पिता राजीव गांधी के चुनाव जीतने के रिकॉर्ड को तोड़ दिया। मां सोनिया छह बार सांसद का चुनाव जीतीं हैं। राहुल गांधी भी इस बार लोकसभा के छह चुनाव जीतने का रिकॉर्ड बना चुके हैं उन्होंने रायबरेली में अपनी मां की विरासत को भी बचाया है। मां, दादी और पिता में राहुल गांधी सबसे अधिक वोट पाने वाले प्रत्याशी हो गए हैं।
पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी रायबरेली सीट से 1967, 1971 और 1980 में जीतकर दिल्ली तक पहुंचीं थी, जबकि पिता राजीव गांधी ने 1981 से 1991 के बीच चार बार अमेठी संसदीय सीट से चुनाव जीता। सोनिया गांधी ने 2006 के उप चुनाव को लेकर रायबरेली सीट से छह बार सांसद बनीं। 2024 में राज्यसभा में जाने के बाद सोनिया ने अपनी विरासत को बेटे राहुल को सौंप दिया। राहुल गांधी ने पहला चुनाव अमेठी से 2004 में लड़ा। इसके बाद 2009 और 2014 में ही अमेठी से सांसद बने। 2019 में अमेठी से हारने वाले राहुल गांधी ने केरल के वायनाड सीट से जीत दर्ज कराई थी। लोकसभा के चार चुनाव जीतने वाले राहुल गांधी ने 2024 में रायबरेली और वायनाड सीट से रिकॉर्ड जीत दर्ज कराई है। राहुल गांधी के नाम परिवार में सबसे अधिक 7,06,369 वोट वायनाड सीट से 2019 में पाने का रिकॉर्ड भी है।
सबसे अधिक वोटों से जीतने का सोनिया का रिकॉर्ड कायम
रायबरेली संसदीय सीट पर सोनिया गांधी का सबसे अधिक वोटों से जीतने का रिकॉर्ड बेटे राहुल तोड़ नहीं पाए हैं। 2006 में हुए उप चुनाव में सोनिया ने 4,17,888 वोटों के अंतर से जीत दर्ज कराई थी। सोनिया 2009 के चुनाव में भी 3,72,165 वोटों के अंतर से जीती थीं। राहुल गांधी ने अब तक अपने ही वोटों के अंतर से जीतने के रिकॉर्ड को तोड़ दिया है। रायबरेली सीट से उन्होंने 3.90 लाख के अंतर से जीत दर्ज कराई है।
रायबरेली ने पूरा किया काम, अब राहुल की बारी
सोनिया की अपील पर रायबरेली के वोटरों ने सिर आंखों पर लिया, लेकिन अब राहुल गांधी की बारी है। सोनिया ने कहा भी कि राहुल उन्हें निराश नहीं करेगा। शायद यही कारण है कि वोटरों ने आंख मूंदकर कांग्रेस का साथ एक बार फिर दिया। राहुल से जिले के लोगों को उम्मीदें हैं। राहुल के सामने जिले की जनता के मंसूबों पर खरा उतरने का बड़ा लक्ष्य भी है।