
इंडिया रिपोर्टर लाइव
नई दिल्ली 22 अगस्त 2023। नए रूप रंग वाली नारंगी और स्लेटी रंग वाली वंदे भारती अब पटरियों पर दौड़ती हुई नजर आएगी। इस नए नेवेली ट्रेन को पहली बार 19 अगस्त को इसे ट्रायल के लिए लाया गया था। अब उम्मीद है कि रेलवे मंत्रालय जल्द ही इसका नियमित परिचालन शुरू करेगा। सूत्रों का कहना है कि, इस नई वंदे भारत ट्रेनों का निर्माण चेन्नई स्थित इंटीग्रल कोच फैक्ट्री में हो रहा है। अब सभी वंदे भारत ट्रेन इस रंग और रूप में नजर आएगी।
कुछ समय पहले रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस फैक्ट्री का दौरा किया था और नए रंग वाली वंदे भारत की तस्वीरें साझा की थीं। अब तैयार हो चुकी इस ट्रेन की पहली तस्वीरें सामने आई हैं। रेलवे का कहना है कि, अब जो भी नई वंदे भारत आएंगी उनमें पुरानी वाली से बेहतर सीट्स, सुरक्षा व्यवस्था व आरामदायक व खुली बैठने की जगह समेत कुल 25 बदलाव किए गए है।
इस रफ्तार से चलती है वंदे भारत ट्रेन
भारत की पहली सेमी हाई स्पीड ज्यादा रफ्तार, कम समय और सुविधाओं से परिपूर्ण रहने के लिए प्रसिद्ध है। वंदे भारत के अब तक दो वर्जन लॉन्च किए जा चुके हैं। पहला वर्जन वंदे भारत 1.0 था जो थोड़ी कम एडवांस्ड थी और इसका वजन 430 टन का था। इसके बाद सरकार ने वंदे भारत का 2.0 वर्जन लॉन्च किया जो पहले के मुकाबले ज्यादा एडवांस और कम समय में हाई स्पीड पकड़ने वाली ट्रेन है। यह ट्रेन केवल 52 सेकंड में 0 से 100 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड और 180 किलोमीटर प्रति घंटे की अधिकतम स्पीड तक पहुंच सकती है। इस ट्रेन का वजन भी घटाकर 392 टन कर दिया गया। इसकी रफ्तार अधिकतम 160 किमी प्रति घंटे तक जा सकती है लेकिन अभी तक के आंकड़ों के अनुसार इन ट्रेनों की औसत रफ्तार 64 किमी प्रति घंटे बताई गई है। 16 कोच वाली सेमी हाई स्पीड वंदे भारत को बनाने में कुल लागत करीब 115 करोड़ रुपये आ रही है।
कम हो सकता है किराया
2024 तक भारतीय रेलवे देश के सभी प्रमुख राज्यों के शहरों को वंदे भारत एक्सप्रेस से जोड़ने का प्लान कर रहा है। अब तक 24 राज्यों में 46 ट्रेन की शुरुआत हो चुकी है। लेकिन अब रेलवे कुछ रूट्स के किराए में छूट देने या बदलाव करने के बारे में विचार रहा हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, रेलवे ने कम यात्रियों वाली कम दूरी की वंदे भारत ट्रेनों के किराए की समीक्षा करना शुरू कर दिया है। बहुत ही जल्द रेलवे इस तरह ट्रेनों के किराए में छूट या किराए में बदलाव कर सकता है।
रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘इसके पीछे सोच ये है कि सभी वंदे भारत ट्रेनों में यात्रियों को सुविधाजनक सफर का मौका मिले। हमने कुछ ट्रेनों की समीक्षा की है। हमारी राय है कि कम दूरी वाली ट्रेनों के किराए को अगर घटा दिया जाता है तो वह ज्यादा अच्छा कर पाएंगी। लंबी दूरी की ट्रेनों में सीटें लगभग भरी हुई होती है। जबकि कम दूरी की ट्रेनों में सीट खाली होती है। इसलिए रेलवे किराए में बदलाव करने पर विचार रहा है।’
स्लीपर वंदे भारत एक्सप्रेस
भारतीय रेलवे जल्दी ही स्लीपर वंदे भारत भी पटरियों पर उतारने की तैयारी में है। इसके लिए काम भी शुरू हो चुका है। ऐसी उम्मीद जताई जा रही है कि अगले साल तक स्लीपर वंदे भारत पटरियों पर दौड़ती दिख जाएगी। इसकी अधिकतम स्पीड भी मौजूद चेयरकार वंदे भारत ट्रेन से ज्यादा रखी जाएगी।