
इंडिया रिपोर्टर लाइव
नई दिल्ली 02 जनवरी 2024। देश में कोरोना संक्रमण के 636 नए मामले सामने आए हैं, जिससे उपचाराधीन मरीजों की संख्या बढ़कर 4,394 हो गई है। साथ ही नए उपस्वरूप जेएन.1 के 37 नए मामले मिलने के बाद इसके मरीजों की संख्या 200 पार कर गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, पिछले 24 घंटे में केरल में दो और तमिलनाडु में एक मरीज की संक्रमण से मौत हो गई। पिछले साल पांच दिसंबर तक दैनिक मामलों की संख्या घटकर दोहरे अंक तक पहुंच गई थी, लेकिन ठंड और वायरस के नए उपस्वरूप के कारण मामलों में तेजी आई है। स्वास्थ्य मंत्रालय की वेबसाइट के अनुसार, अब तक संक्रमण से उबरने वाले लोगों की संख्या 4.4 करोड़ से अधिक हो गई है।
किस राज्य में कितने जेएन.1 वैरिएंट के मामले
जेएन.1 वैरिएंट से संक्रमित लोगों की संख्या बताने के लिए INSACOG ने राज्यवार आंकड़े भी जारी किए। सोमवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक केरल (83), गोवा (51), गुजरात (34), कर्नाटक (आठ), महाराष्ट्र (सात), राजस्थान (पांच), तमिलनाडु (चार), तेलंगाना (दो) ओडिशा (एक) और दिल्ली में एक मामला रिपोर्ट किया गया है।
जेएन.1 वैरिएंट के दिसंबर में 179 मामले
नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक दिसंबर में देश में 179 कोविड-19 संक्रमित लोगों में JN.1 वैरिएंट पाया गया। नवंबर में ऐसे 17 मामले दर्ज किए गए थे। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने जेएन.1 वैरिएंट के बारे में कहा है कि इसके प्रसार की गति तेज है। हालांकि, यह ‘वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट’ है। इससे संक्रमित होने पर गंभीर रूप से बीमार होने का खतरा नहीं है।
कोरोना के नए वेरिएंट से डरने की नहीं है आवश्यकाता
विश्व स्वास्थ्य संगठन की पूर्व प्रमुख वैज्ञानिक डॉ. सौम्या स्वामीनाथन ने एक साक्षात्कार में बताया है कि हमें नए वेरिएंट से सतर्क रहने की जरूरत है। हमें चिंता करने की आवश्यकता नहीं है। हमारे पास सुझाव देने के लिए फिलहाल कोई डाटा नहीं है। हमें सिर्फ सामान्य बचाव के उपायों को अपनाना है। हमें सतर्कता बरतने की आवश्यकता है। लोगों को बिना मास्क के कम वेंटिलेशन वाली जगह में रहने से बचना चाहिए। आप ऐसे किसी क्षेत्र में हैं तो मास्क जरूर पहने। किसी संक्रमित व्यक्ति के पास जाने से थोड़ा बचें। खुली जगह में रहने की कोशिश करें। अगर बुखार या सांस फूलने जैसी कोई भी समस्या होती है तो अस्पताल जरूर जाएं। उन्होंने आगे कहा कि हमें यह ध्यान देना होगा कि अभी सर्दी का मौसम है। हमें सावधानियां बरतने की आवश्यकता है। भारत में अब तक 21 मामले सामने आए हैं, जिससे लोगों में फिर से घबराहट हो रही है। विश्व स्वास्थ्य संगठन का भी कहना है कि वर्तमान साक्ष्यों के आधार पर जेएन-1 का जोखिम कम है।
राज्यों को निगरानी बढ़ाने का निर्देश
WHO के मुताबिक कोरोना वायरस के जेएन.1 सब-वैरिएंट को पहले बीए.2.86 का प्रकार माना गया। हालांकि, बीते कुछ हफ्तों में 40 से अधिक देशों में JN.1 मामले सामने आ चुके हैं। तेजी से फैलते संक्रमण को देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से निरंतर निगरानी बनाए रखने को कहा है।