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नई दिल्ली 26 दिसंबर 2024। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने जमीनी स्तर पर बदलाव लाने वाले 15 युवाओं के एक समूह से मुलाकात की। ओडिशा, सिक्किम, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक समेत देश के विभिन्न राज्यों में इन युवाओं के अभिनव प्रोजेक्ट चल रहे हैं। ये नवप्रवर्तक संयुक्त राष्ट्र सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) से जुड़ी अहम चुनौतियों का समाधान करने के लिए स्थिरता से लेकर समावेशन तक के प्रोजेक्ट पर जनजातीय क्षेत्रों, टियर 2 और टियर 3 शहरों के ग्रामीण समुदायों में काम कर रहे हैं। तेलंगाना निवासी और इंटेलीनेक्सा प्रोजेक्ट की संस्थापक मनल मुनीर (21) ने राष्ट्रपति को ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने और राज्य में कम पहचान वाले स्थानों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए एआर/वीआर का इस्तेमाल दिखाया। प्रोजेक्ट दृष्टि के संस्थापक अनिरुद्ध चिंता (16) ने एक सॉफ्टवेयर की प्रस्तुति दी, जो शैक्षणिक पुस्तकों को ब्रेल में परिवर्तित करता है। इस प्रोजेक्ट से मौजूदा समय में 8-10 गैर सरकारी संगठनों को लाभ मिल रहा है।
आंखों के हाव-भाव बोली में किए परिवर्तित
विजन ग्लासेस के संस्थापक आदित्य विक्रम (18) और फगुन भूटानी (14) ने अपने प्रोजेक्ट की प्रस्तुति दी। यह आंखों के हाव-भाव को बोली में परिवर्तित करता है। इससे 2,000 से अधिक बोलने में असमर्थ लोगों को संवाद करने में मदद मिली है। द मोगली मूवमेंट की संस्थापक श्रेया मुथुकुमार (17) ने वन समुदायों को सौर लैंप प्रदान करने और उन्हें स्वच्छ ऊर्जा व पर्यावरण संरक्षण के बारे में शिक्षित करने की अपनी परियोजना के बारे में जानकारी दी।
अगली पीढ़ी के नवप्रवर्तकों को मिल रहा बेहतर मंच
1एम1बी के संस्थापक मानव सुबोध ने कहा कि हम अगली पीढ़ी के नवप्रवर्तकों को उपकरण, मार्गदर्शन और मंच प्रदान कर सशक्त बना रहे हैं, ताकि वे समुदायों का उत्थान कर सकें। कौशल और डिग्री के साथ सामुदायिक विकास की शक्ति भी मायने रखती है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के साथ बैठक इन युवाओं के कार्यों को मान्यता देने की दिशा में एक कदम है, जो देशभर में शहरों और गांवों के लाखों लोगों को आगे बढ़ने, नेतृत्व करने और स्थायी प्रभाव पैदा करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।