
इंडिया रिपोर्टर लाइव
नई दिल्ली 15 मई 2025। भारतीय सेना के शीर्ष अधिकारियों ने बुधवार को दिल्ली छावनी के मानेकशॉ सेंटर में पूर्व सैनिकों और विभिन्न थिंक टैंक के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की। इस दौरान ऑपरेशन सिंदूर के दौरान सेना, वायुसेना और नौसेना के बीच शानदार तालमेल पर मंथन किया गया। इस बैठक में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान, सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी, वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह और नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी मौजूद रहे, जिन्होंने भारत के निर्णायक सैन्य अभियान के बारे में बात की। मुख्यालय एकीकृत रक्षा स्टाफ ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि दिग्गजों और थिंक टैंक के साथ इस बैठक में तीनों सेनाओं के साथ काम करने के बेहतरीन उदाहरण और नए युग के बहु-डोमेन ऑपरेशनों के सफल निष्पादन के बारे में जानकारी दी गई। मुख्यालय एकीकृत रक्षा स्टाफ ने इस बैठक की कुछ तस्वीरें भी साझा कीं।
बंद कमरे में 30 मिनट तक चली बैठक
अधिकारियों ने बताया कि यह बैठक बंद कमरे में करीब 30 मिनट तक चली। बैठक के दौरान रक्षा खुफिया एजेंसी के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल डीएस राणा ने पाकिस्तान द्वारा चलाए जा रहे भारत विरोधी गलत सूचना अभियान के बारे में जानकारी साझा की। उन्होंने इसका क्षेत्रीय शांति और स्थिरता पर पड़ रहे प्रभाव पर भी प्रकाश डाला।
विदेशी रक्षा अधिकारियों के दल को ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बारे में बताया
इससे एक दिन पहले, भारतीय शस्त्र बलों के एक शीर्ष अधिकारी ने विदेशी रक्षा अधिकारियों के एक दल को ऑपरेशन सिंदूर के सफल संचालन के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर भारत की सैन्य ताकत और नए जमाने के युद्ध में उसकी तैयारी को दर्शाता है। इससे भारत और पाकिस्तान संबंधों में एक नया अध्याय शुरू हुआ है।
पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में शुरू हुआ ऑपरेशन सिंदूर
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकियों ने 26 निर्दोष पर्यटकों की गोली मारकर हत्या कर दी थी। इसके जवाब में भारत ने ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया। इसके तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में नौ आतंकी ठिकानों पर सटीक मिसाइल हमले कर उन्हें नेस्तनाबूद कर दिया। भारत की इस कार्रवाई के जवाब में पाकिस्तान ने हमले शुरू किए, जिन्हें भारतीय शस्त्र बलों ने सफलतापूर्वक विफल कर दिया। जवाबी कार्रवाई में भारत ने 10 मई की सुबह तक पाकिस्तान में सैन्य ठिकानों पर हमले किए। उसी दिन शाम को दोनों देशों के बीच जमीन, हवा और समुद्र पर सभी तरह की गोलीबारी और सैन्य कार्रवाइयों को तत्काल प्रभाव से रोकने पर सहमति बनी।