
लंबे समय से थे बीमार, दिल्ली में ली आखिरी सांस
गृह मंत्री, राज्यपाल समेत कई भूमिकाओं में रहे सक्रिय
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राहुल गांधी ने जताया शोक
इंडिया रिपोर्टर लाइव
नई दिल्ली 2 जनवरी 2021। दलितों के मसीहा कहे जाने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सरदार बूटा सिंह का शनिवार को निधन हो गया। 86 वर्षीय बूटा सिंह लंबे समय से बीमार थे। पंजाब के जालंधर जिले के मुस्तफापुर गांव में 21 मार्च, 1934 को जन्मे सरदार बूटा सिंह 8 बार लोकसभा के लिए चुने गए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने बूटा सिंह के निधन पर शोक जताया है।
बूटा सिंह का अंतिम संस्कार आज ही किया जाएगा. आठ बार सांसद रहे बूटा सिंह का राजनीतिक जीवन बहुत लंबा रहा। वर्ष 1934 जालंधर जिले में जन्में बूटा सिंह राष्ट्रीय राजनीति के एक बड़े चेहरे थे. उनका जन्म 1934 में जालंधर में हुआ था।
बूटा सिंह गांधी परिवार के विश्वासपात्र के तौर पर जाने जाते थे. लेकिन एक वक्त ऐसा आया जब उन्होंने कांग्रेस छोड़ दी थी।सरदार बूटा सिंह ने केंद्रीय गृह मंत्री, कृषि मंत्री, रेल मंत्री, खेल मंत्री और बिहार के राज्यपाल और राष्ट्रीय अनुसूचित जाति कमीशन के चेयरमैन के तौर पर राष्ट्रीय राजनीति और राष्ट्र निर्माण में अपनी भूमिका निभाई थी।
बूटा सिंह कांग्रेस से तब जुड़े थे जवाहर लाल नेहरू पीएम बने थे. बाद में उन्होंने इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, पीवी नरसिम्हा राव और डॉ मनमोहन सिंह की कैबिनेट में अहम पद पर रहे। राष्ट्रीय राजनीति में सक्रिय रहने के अलावा उन्होंने अपनी पहचान दलित नेता के रूप में बनाई. वह 1978 से 80 तक कांग्रेस के महासचिव रहे। इसके बाद भारत के गृह मंत्री और बाद में जब केंद्र में डॉ मनमोहन सिंह की सरकार आई तो वह बिहार के राज्यपाल (2004-2006) बने।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बूटा सिंह के निधन पर शोक जताते हुए कहा कि वह एक अनुभवी नेता और कुशल प्रशासक थे. पीएम मोदी ने कहा कि उन्होंने गरीबों और समाज में हाशिये पर चले गए लोगों के लिए आवाज उठाई। पीएम ने कहा कि वे उनके निधन से दुखी हैं और उनकी संवेदना बूटा सिंह के परिवार के साथ है।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी बूटा सिंह के निधन पर अपनी संवेदना व्यक्त की है. राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा कि सरदार बूटा सिंह के देहांत से देश ने एक सच्चा जनसेवक और निष्ठावान नेता खो दिया है। उन्होंने अपना पूरा जीवन देश की सेवा और जनता की भलाई के लिए समर्पित कर दिया, जिसके लिए उन्हें सदैव याद रखा जाएगा. इस मुश्किल समय में उनके परिवारजनों को मेरी संवेदनाएं।