
इंडिया रिपोर्टर लाइव
कोलकाता 02 दिसम्बर 2021। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के ‘अब कोई यूपीए नहीं है’ वाले बयान पर सियासी घमासान मच गया है। कांग्रेस नेताओं ने ‘दीदी’ के इस बयान पर तीखी प्रतिक्रियाएं व्यक्त की हैं। इस क्रम में राज्यसभा में नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि हमने ऐसे कई सामाजिक और आर्थिक मुद्दों पर टीएमसी को साथ लेने का प्रयास किया। विपक्ष को बंटना नहीं चाहिए। अपनेआप में लड़ने की बजाय हमें एक होकर भाजपा का मुकाबला करना चाहिए। इससे पहले केसी वेणुगोपाल ने कहा था कि कांग्रेस के बिना भाजपा को हराने की बात करना एक सपना है और इसे कोई भी देख सकता है। उन्होंने बुधवार को ममता बनर्जी को पीएम फेस के तौर पर प्रोजेक्ट करने की टीएमसी की महत्वाकांक्षाओं पर टिप्पणी की थी।
भारत का मतलब बंगाल नहीं है- अधीर रंजन
उधर, कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा है कि क्या ममता बनर्जी को नहीं पता यूपीए क्या है? मुझे लगता है कि उन्होंने पागलपन शुरू कर दिया है। वह सोचती हैं कि पूरे भारत ने ‘ममता, ममता’ का जाप करना शुरू कर दिया है। मगर भारत का मतलब बंगाल नहीं है और अकेले बंगाल का मतलब भारत नहीं है। पिछले बंगाल चुनावों से उनकी रणनीति धीरे-धीरे उजागर हो रही है। कांग्रेस नेता ने कहा कि पश्चिम बंगाल में भाजपा और ममता ने मिलकर जो सांप्रदायिक ध्रुवीकरण का सियासी खेल खेला वो सामने आ रहा है। भाजपा ने एनआरसी पर अपना रुख बदला, यह चुनाव के साथ समाप्त हुआ। एनआरसी का डर दिखाकर वे चुनाव में फायदा उठाना चाहते थे। इसलिए, ममता बनर्जी जो कुछ भी कहती हैं, भाजपा उससे सहमत है।
…भाजपा को हराना होगा आसान- ममता
गौरतलब है कि बुधवार को ममता बनर्जी ने मुंबई में एनसीपी प्रमुख शरद पवार से मुलाकात की थी। इसके बाद दीदी ने एक कार्यक्रम में कांग्रेस पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा था कि देश में कुछ लोग भाजपा से लड़ नहीं रहे हैं। ममता ने यहां सिविल सोसायटी के कुछ सदस्यों से बातचीत में कहा कि अगर सभी क्षेत्रीय दल एक साथ आ जाते हैं तो भाजपा को हराना आसान होगा। उन्होंने कहा कि हम कहना चाहते हैं कि भाजपा हटाओ, देश बचाओ। उन्होंने कहा कि यदि कांग्रेस पार्टी बंगाल में चुनाव लड़ सकती है तो फिर टीएमसी गोवा में क्यों नहीं लड़ सकती। मैं भाजपा को राजनीतिक तौर पर इस देश से बाहर देखना चाहती हूं। यदि कांग्रेस बंगाल में लड़ सकती है तो फिर मैं गोवा में क्यों नहीं लड़ सकती? आपको भाजपा के खिलाफ मैदान में रहना होगा और लड़ना होगा वरना वह आपको बाहर फेंक देगी।बता दें कि ममता बनर्जी का ‘अब कोई यूपीए नहीं है’ वाला बयान तब आया है जब कांग्रेस और टीएमसी नेताओं के बीच दूरियां तेजी से बढ़ी हैं और टीएमसी कांग्रेस की बैठक से दूरी बनाए हैं। मालूम हो कि 2004 से लेकर 2014 तक टीएमसी सहित कई अन्य पार्टियां यूपीए का हिस्सा थीं।